समर्पण भावना अमृत रूखा सूखा ।साधु न लौटा भूखा ।।पर धन पत्थर ढ़ेरी ।मुझपे बड़ी कृपा है तेरी ।भगवन् ! बड़ी कृपा है तेरी ।।१।। ना मुझे किसी से लेना ।ना मुझे किसी का देना ।।निरत मदद बिन देरी ।मुझपे […]
समर्पण भावना अमृत रूखा सूखा ।साधु न लौटा भूखा ।।पर धन पत्थर ढ़ेरी ।मुझपे बड़ी कृपा है तेरी ।भगवन् ! बड़ी कृपा है तेरी ।।१।। ना मुझे किसी से लेना ।ना मुझे किसी का देना ।।निरत मदद बिन देरी ।मुझपे […]
आओ ‘री आओ ।सखि ! आओ ‘री आओ ।पर्व अठाई पूज रचाओ ।।आओ ‘री आओ ।अविनश्वर है ।पुन अक्षर है ।शिव सुन्दर है ।द्वीप आठवां नन्दीश्वर है ।।दृग कलशों में, जल भर लाओ ।।पर्व अठाई पूज रचाओ ।आओ ‘री आओ […]
दोहा सिद्ध, स्वर्ग-शिव सारथी,सूरि, पाठि, निर्ग्रन्थ ।जैन धर्म, जिन-भारती,जिन-गृह, चैत्य-जिनन्द ।। कर्म घातिया घात जे,नन्त चतुष्टय वन्त ।हितु शिशु दीनानाथ वे, जयतु जयतु अरिहन्त ।।१।। कर्म अघात विनाश जे,मण्डित गुण अगणन्त ।स्वर्णाक्षर इति…हास वे,जय जय सिद्ध अनन्त ।।२।। मण्डित गुण […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित आचार्य संघ विधान ।। प्रशस्ति ।। गुरु गागर ज्ञान उड़ेली ।मति हंस करे अठखेली ।।विद्या सागर जयकारा ।जन जैन अजैन सहारा ।।१।। हो सार समय पाहुड के ।गुरु कुन्द-कुन्द गुरुकुल के ।।संयमित […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित दश लक्षण धर्म विधान पूजन आओ ‘री आओ, सखि ! आओ ‘री आओ ।दश धर्मों की पूज रचाओ, आओ ‘री आओ ।।हृदय वेदिका शुद्ध बनाओ ।धर्म क्षमादिक दश पधराओ ।आह्वानन संस्थापन सन्-निधी,करके […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित रक्षाबंधन विधान *पूजन *जयतु सप्त-शत अकंपनादिक, विष्णु कुमार श्रमण ।बार बार करता आह्वानन ।सविनय मैं करता संस्थापन ।।आन पधारो, हदय हमारे ।मुझे उबारो, लाखों तारे, स्वीकार सन्निधि-करण ।जयतु सप्त-शत अकंपनादिक, विष्णु कुमार […]
वर्धमान मंत्र ॐ णमो भयवदो वड्ढ-माणस्स रिसहस्स जस्स चक्कम् जलन्तम् गच्छइ आयासम् पायालम् लोयाणम् भूयाणम् जूये वा, विवाये वा रणंगणे वा, रायंगणे वा थम्भणे वा, मोहणे वा सव्व पाण, भूद, जीव, सत्ताणम् अवराजिदो भवदु मे रक्ख-रक्ख स्वाहा ते रक्ख-रक्ख स्वाहा […]
वर्धमान मंत्रॐणमो भयवदोवड्ढ-माणस्सरिसहस्सजस्स चक्कम् जलन्तम् गच्छइआयासम् पायालम् लोयाणम् भूयाणम्जूये वा, विवाये वारणंगणे वा, रायंगणे वाथम्भणे वा, मोहणे वासव्व पाण, भूद, जीव, सत्ताणम्अवराजिदो भवदुमे रक्ख-रक्ख स्वाहाते रक्ख-रक्ख स्वाहाते मे रक्ख-रक्ख स्वाहा ।।ॐ ह्रीं वर्तमान शासन नायकश्री वर्धमान जिनेन्द्राय नमःअर्घं निर्वपामीति स्वाहा […]
*पूजन*एक सहारा हमें तिहारा ।जय जय ऋषि, मुनि, यति, अनगारा ॥साँचा इक निर्ग्रन्थ दुवारा ।जय जय कारा, जय जय कारा ॥ॐ ह्रीं श्री ऋद्धिधारी सर्वऋषिभ्यो: नम: अत्र अवतर अवतर संवौषट् इति आह्वानम् ।अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ: ठ: स्थापनम् ।अत्र मम […]
वर्धमान मंत्रॐणमो भयवदोवड्ढ-माणस्सरिसहस्सजस्स चक्कम् जलन्तम् गच्छइआयासम् पायालम् लोयाणम् भूयाणम्जूये वा, विवाये वारणंगणे वा, रायंगणे वाथम्भणे वा, मोहणे वासव्व पाण, भूद, जीव, सत्ताणम्अवराजिदो भवदुमे रक्ख-रक्ख स्वाहाते रक्ख-रक्ख स्वाहाते मे रक्ख-रक्ख स्वाहा ।।ॐ ह्रीं वर्तमान शासन नायकश्री वर्धमान जिनेन्द्राय नमःअर्घं निर्वपामीति स्वाहा […]
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