loader image
Close
  • Home
  • About
  • Contact
  • Home
  • About
  • Contact
Facebook Instagram

आचार्य श्री पूजन

गुरु-पाद पूजन – 912

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 
  • परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित

पूजन क्रंमाक 912

और न जाया करो कहीं
रोज आ जाया करो यहीं
है तुम्हारे अपने ही हम
गैर, बेगाने, अजनबी नहीं
जिस किसी के लिये,
न हो चले आँख नम
है तुम्हारे अपने ही हम ।।स्थापना।।

छव चन्दा
जल गंगा
भेंटूँ घट स्वर्णिम
कृपया अपना लो तुम
गैर, बेगाने, अजनबी नहीं
जिस किसी के लिये,
न हो चले आँख नम
है तुम्हारे अपने ही हम ।।जलं।।

चन्दन हट
कंचन घट
भेंटूँ बढ़ा कद‌म
कृपया अपना लो तुम
गैर, बेगाने, अजनबी नहीं
जिस किसी के लिये,
न हो चले आँख नम
है तुम्हारे अपने ही हम ।।चन्दनं।।

मण थाली
धाँ शाली
भेंटूँ सरस सुरम
कृपया अपना लो तुम
गैर, बेगाने, अजनबी नहीं
जिस किसी के लिये,
न हो चले आँख नम
है तुम्हारे अपने ही हम ।।अक्षतं।।

धवल-धवल
नवल कँवल
भेंटूँ सरसि पदम
कृपया अपना लो तुम
गैर, बेगाने, अजनबी नहीं
जिस किसी के लिये,
न हो चले आँख नम
है तुम्हारे अपने ही हम ।।पुष्पं।।

अठपहरी
घृत विरली
भेंटूँ चरु मधुरिम
कृपया अपना लो तुम
गैर, बेगाने, अजनबी नहीं
जिस किसी के लिये,
न हो चले आँख नम
है तुम्हारे अपने ही हम ।।नैवेद्यं।।

संजीवा
घृत दीवा
भेंटूँ हवा अगम
कृपया अपना लो तुम
गैर, बेगाने, अजनबी नहीं
जिस किसी के लिये,
न हो चले आँख नम
है तुम्हारे अपने ही हम ।।दीपं।।

सुगंध अन
नन्दन वन
भेंटूँ उड़ती खम्
कृपया अपना लो तुम
गैर, बेगाने, अजनबी नहीं
जिस किसी के लिये,
न हो चले आँख नम
है तुम्हारे अपने ही हम ।।धूपं।।

रस वाले
फल न्यारे
भेंटूँ कल्पद्-द्रुम
कृपया अपना लो तुम
गैर, बेगाने, अजनबी नहीं
जिस किसी के लिये,
न हो चले आँख नम
है तुम्हारे अपने ही हम ।।फलं।।

खुद भाँती
जल आदी
भेंटूँ सँग सरगम
कृपया अपना लो तुम
गैर, बेगाने, अजनबी नहीं
जिस किसी के लिये,
न हो चले आँख नम
है तुम्हारे अपने ही हम ।।अर्घ्यं।।

हाईकू
ला करे, गुरु को खड़े द्वार,
श्रद्धा भींगी पुकार

जयमाला
है मेरे दिल की आरजू
बस…इतनी सी बस
है मेरे दिल की आरजू

तू मोती बने,
तो मैं सीप बनूँ
तू ज्योती बने,
तो मैं दीप बनूँ
अय ! मुझ कागजी फूल खुशबू

है मेरे दिल की आरजू
बस…इतनी सी बस
है मेरे दिल की आरजू

तू राखी बने,
तो मैं डोर बनूँ
तू चंदा बने,
मैं चकोर बनूँ

तू मोती बने,
तो मैं सीप बनूँ
तू ज्योती बने,
तो मैं दीप बनूँ
अय ! मुझ कागजी फूल खुशबू

है मेरे दिल की आरजू
बस…इतनी सी बस
है मेरे दिल की आरजू

तू कलम बने,
तो मैं स्याही बनूँ
तू कमल बने,
मैं ललाई बनूँ

तू मोती बने,
तो मैं सीप बनूँ
तू ज्योती बने,
तो मैं दीप बनूँ
अय ! मुझ कागजी फूल खुशबू

है मेरे दिल की आरजू
बस…इतनी सी बस
है मेरे दिल की आरजू
।। जयमाला पूर्णार्घं ।।

हाईकू
पीछे से रहे हाथ जोड़,
ओ ! देख लो मेरी ओर

Sharing is caring!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Print

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

*


© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point

© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point