आद भरत बाहुबली
आरती
आद आद सुत, बाहुबली की
आओ आरती उतारो
आओ आरती उतारो
सोने का दीप बुला लो
करपूरी बाती बालो
आओ आरती उतारो
आओ आरती उतारो
आद साध इक कर्म दली की
आद आद सुत, बाहुबली की
आओ आरती उतारो
आओ आरती उतारो
प्रथम आरती सम्यक दर्शन
कुछ हट अभूत पूरब पर्शन
भीतर बाहर निर्मल दर्पण
द्वितिय आरती सम्यक् ज्ञाना
उपादेय क्या हेय पिछाना
हंस मानसी मोति दिवाना
तृतिय आरती सम्यक् चारित
पाप त्याग अनुमत कृत कारित
‘भीतर कछु’आ व्रत संस्कारित
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