==आरती== महिमा श्री गुरु अपरम्पारा ।खोली आंख छटा अंधियारा ।।करें आरती आओ मिल के ।लिये दीप दूजा ध्रुव तारा ।। सुख देते प्रभु दुख भी देते ।सुख देते गुरु दुख हर लेते ।।गुरु ने जीवन शिष्य संवारा ।खोली आंख छटा […]
==आरती== महिमा श्री गुरु अपरम्पारा ।खोली आंख छटा अंधियारा ।।करें आरती आओ मिल के ।लिये दीप दूजा ध्रुव तारा ।। सुख देते प्रभु दुख भी देते ।सुख देते गुरु दुख हर लेते ।।गुरु ने जीवन शिष्य संवारा ।खोली आंख छटा […]
==आरती== करें आरतिया आओ ।दीप की थरिया लाओ ।। नरक अब पड़े न जाना ।दिगम्बर ओढ़ा वाना ।।बन चले पत्थर जैसे,साक्षि मृग खाज खुजाना ।थिरक ता थैय्या गाओ ।दीप की थरिया लाओ ।करें आरतिया आओ ।।१।। खड़े चौराहे जाड़े ।ग्रीष्म […]
==आरती== करें आरती आओ मिल के ।साधु सन्त जन भगवन् कल के ।। नरक पतन से डरे डरे हैं ।देख पीर पर नैन झिरे हैं ।।लट लुंचन सज, भज पट मुंचन,जा बीहड़ वन बीच खड़े हैं ।।ज्योत जगा दीवा घृत […]
==आरती== झिलमिल झिलमिल दीप जगाओ,करो आरती आओ ।सन्त देवता इस धरती के,श्रद्धा सुमन चढ़ाओ ।। नरक पतन भयभीत चल पड़े ।परिषह जय कर प्रीत चल पड़े ।।पट उतार, झटपट उखाड़ लट,वन, बन नम्र विनीत चल पड़े ।।सन्त तीर्थ चल, तीर्थंकर […]
==आरती== जय-जयकारा, जय-जयकारा ।लिये स्वर्ण दीपक घृत वाला ।।करूँ आरती जय गुरुदेवा ।दुख निवारती श्री गुरु सेवा ।। पहली आरति ग्रीष्म दुपारी ।सूर्य आग बरसाता भारी ।।चढ़ पहाड़ शिल तप्त निहारा ।जय-जयकारा, जय-जयकारा ।लिये स्वर्ण दीपक घृत वाला ।।करूँ आरती […]
==आरती== ।।मुझे दीखे वन में मुनिराज।। हाथ में दीपों की थाली ।जगमगाती ज्योती वाली ।।उतारूँ आरतिया में आज ।पुण्य पे अपने मुझको नाज ।।मुझे दीखे वन में मुनिराज ।।१।। जोर की बरसा मुसलधार ।बूँद बाणों सा करे प्रहार ।।गरजती बिजली […]
==आरती== भव सागर तट धरें ।गुरुवर संकट हरें ।आओ आरति करें ।। ओजस्वी हैं गुरुवर ।तेजस्वी हैं गुरुवर ।गुरुवर मनस्वी हैं,तपस्वी हैं गुरुवर ।।दीवाली घृत भरें ।आओ आरति करें ।भव सागर तट धरें ।गुरुवर संकट हरें ।आओ आरति करें ।।१।। […]
==आरती== आओ करे आरती आओ ।थाल सजाओ, दीप जगाओ ।।आओ करे आरती आओ ।। नरक भयभीत चले वन को ।छोड़ घर-बार कुटुम धन को ।।सुख निरा-कुल रख अभिलाषा,दृष्टि नासा, वशि कर मन को ।।पग थिरकाओ, ढ़ोल बजाओ ।आओ करे आरती […]
==आरती== ले के ज्योती हाथों में ।ले के मोती हाथों में ।।मिल के आरतिया कीजे ।धन भव मानव कर लीजे ।। नरक पतन भयभीत मुनी ।मीत जगत् त्रय प्रीत गुणी ।।देख दीन बरसे करुणा,भाव क्षमा अविनीत जनी ।गदगद बोल हृदय […]
==आरती== दैगम्बर निर्ग्रन्थ की आओ कीजो आ-रति विद्यासागर सन्त कीदैगम्बर निर्ग्रन्थ की ग्राम सदलगा जनमे ।मल्-लप्पा आंगन में ।।आखर ढ़ाईहाथ पढ़ाईलोरी सुन बचपन में ।।नन्दन मॉं श्री मन्त कीआओ कीजो आ-रति विद्यासागर सन्त कीदैगम्बर निर्ग्रन्थ की ।।१।। सूरि देश भूषण […]
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