==आरती== ।।मुझे दीखे वन में मुनिराज।। हाथ में दीपों की थाली ।जगमगाती ज्योती वाली ।।उतारूँ आरतिया में आज ।पुण्य पे अपने मुझको नाज ।।मुझे दीखे वन में मुनिराज ।।१।। जोर की बरसा मुसलधार ।बूँद बाणों सा करे प्रहार ।।गरजती बिजली […]

==आरती== ।।मुझे दीखे वन में मुनिराज।। हाथ में दीपों की थाली ।जगमगाती ज्योती वाली ।।उतारूँ आरतिया में आज ।पुण्य पे अपने मुझको नाज ।।मुझे दीखे वन में मुनिराज ।।१।। जोर की बरसा मुसलधार ।बूँद बाणों सा करे प्रहार ।।गरजती बिजली […]
==आरती== भव सागर तट धरें ।गुरुवर संकट हरें ।आओ आरति करें ।। ओजस्वी हैं गुरुवर ।तेजस्वी हैं गुरुवर ।गुरुवर मनस्वी हैं,तपस्वी हैं गुरुवर ।।दीवाली घृत भरें ।आओ आरति करें ।भव सागर तट धरें ।गुरुवर संकट हरें ।आओ आरति करें ।।१।। […]
==आरती== आओ करे आरती आओ ।थाल सजाओ, दीप जगाओ ।।आओ करे आरती आओ ।। नरक भयभीत चले वन को ।छोड़ घर-बार कुटुम धन को ।।सुख निरा-कुल रख अभिलाषा,दृष्टि नासा, वशि कर मन को ।।पग थिरकाओ, ढ़ोल बजाओ ।आओ करे आरती […]
==आरती== ले के ज्योती हाथों में ।ले के मोती हाथों में ।।मिल के आरतिया कीजे ।धन भव मानव कर लीजे ।। नरक पतन भयभीत मुनी ।मीत जगत् त्रय प्रीत गुणी ।।देख दीन बरसे करुणा,भाव क्षमा अविनीत जनी ।गदगद बोल हृदय […]
==आरती== दैगम्बर निर्ग्रन्थ की आओ कीजो आ-रति विद्यासागर सन्त कीदैगम्बर निर्ग्रन्थ की ग्राम सदलगा जनमे ।मल्-लप्पा आंगन में ।।आखर ढ़ाईहाथ पढ़ाईलोरी सुन बचपन में ।।नन्दन मॉं श्री मन्त कीआओ कीजो आ-रति विद्यासागर सन्त कीदैगम्बर निर्ग्रन्थ की ।।१।। सूरि देश भूषण […]
==आरती== दोहा=आओ करते आरती,ले दीपों की थाल ।स्वर्ग मोक्ष रथ सारथी,गुरुवर दीन दयाल ।।१।। तरुतल ठाड़े आन के,बादल बिजुरी देख ।सन्त दिवाकर ज्ञान के,जिन शासन अभिलेख ।।२।। शिशिर तुसारी रातरीगुजर चली चौराह ।पाणि-पातरी यातरी,मुनिवर शाहन शाह ।।३।। चढ़ पर्वत ग्रीषम […]
==आरती== गुरुदेव की उतारते आ आरती,गुरुदेव कीगुरुदेव ही, रथ भुक्ति-मुक्ति सारथी,गुरुदेव हीगुरुदेव की उतारते आ आरती,गुरुदेव की यही तो, थमा देते खुशिंयों के आँसूयही तो चुरा लेते अंखिंयों से आँसूगुरुदेव ही, जानें कला उस पार की,गुरुदेव हीगुरुदेव ही, रथ भुक्ति-मुक्ति […]
==आरती== गुरु वरद पुत्र मां शारद ।कीजे आ-रति निःस्वारथ ।। चलते रस्ते से लग के ।पड़ते प्रपंच ना जग के ।।भज ज्ञान दिवस बढ़ चाला,कर ध्यान चली निश जग के ।।भारत गौरव प्रतिभारत ।गुरु वरद पुत्र मां शारद ।कीजे आ-रति […]
==आरती== ले माल दीपिका हाथों में ।गुरु की आरती उतारो आओ ।ले धार मोतिका आखों में ।।ले माल दीपिका हाथों में ।गुरु की आरती उतारो आओ ।।१।। नरक पतन डर चाले वन को ।वश में रखते अपने मन को ।।तन […]
==आरती== मोति सीप आखों में ।ले लो दीप हाथों में ।।उतारो आरती आओ,आओ गुरु के गुण गाओ ।। मां श्री मन्ती हाथ पूर्ण, चन्द्रमा लागा ।सदलगा इक ग्राम पुण्य, सातिशाय जागा ।श्रद्धा भक्ति प्रकटाओ ।उतारो आरती आओ,आओ गुरु के गुण […]
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