धर्मनाथ लघु चालीसा =दोहा=भक्तों का ताँता कहे, साचाँ तेरा द्वार । बिठा मुझे भी लो प्रभो,भक्त-अनन्य कतार ।। यूँ ही भक्त न करते याद ।सुनते, तुम सुनते फरियाद ।। सति रानी इक सीता नाम ।अग्नि परीक्षा लीनी राम । सरवर […]
-
Recent Posts
Recent Comments
धर्मनाथ लघु चालीसा =दोहा=भक्तों का ताँता कहे, साचाँ तेरा द्वार । बिठा मुझे भी लो प्रभो,भक्त-अनन्य कतार ।। यूँ ही भक्त न करते याद ।सुनते, तुम सुनते फरियाद ।। सति रानी इक सीता नाम ।अग्नि परीक्षा लीनी राम । सरवर […]
शांतिनाथलघु चालीसा‘दोहा’कोई रखता ध्यान है,भक्तों का तो आप ।जग यूॅं ही थोड़े जपे,‘जयतु शान्ति-जिन’ जाप ।। तुम रहते हो मेरे पास ।ऐसा भक्तों को विश्वास ।।नहीं टूटने पाये आश ।वैसे आप न करें निराश ।।१।। सति सीता सुन छेड़ा राग […]
कुन्थनाथलघु चालीसा‘दोहा’‘जयतु-कुन्थ-जिन’ जाप की,महिमा अपरम्पार ।शचि, शचि-पति छू कर जिसे,भव ‘फिर-के’ उस-पार ।। कुन्थ-कुन्थ-कुन्थ, जय-कुन्थ जपो मन ।शील शिरोमण ! विघ्न विमोचन ।।१।। बरसेगी, बरसी भी भगवत कृपा ।सीता सती ने जाप यह जपा ।पानी में बदले अंगार हैं ।किस्से […]
अरहनाथ लघु-चालीसा=दोहा=जीवन अपना आपने, पर हित किया निछार ।भक्तों का ताँता तभी,ऐसा और न द्वार ।। तुम भक्तों के एक सहारे । तभी एक सुर गये पुकारे ।।कहो, न किस की मनी दिवाली ।गई पुकार न अब तक खाली ।।१।। […]
मल्लनाथ लघु-चालीसा =दोहा=जग दोई कोई नहीं,मेरा सिवा तुम्हार ।लाज हमारी राखिजो,हो करुणा अवतार ।। सिर्फ तेरा सहारा है । एक तू ही हमारा है ।।तुही भक्तों का रखवाला । एक तू ही तारणहारा ।।१।। बुलाया सीता रानी ने । आग […]
मुनि-सुव्रतलघु-चालीसा‘दोहा’यूँ ही कहे न जा रहे,करुणा दया निधान ।हँसें ‘और-हित’ रोवते,मुनिसुव्रत भगवान् ।। होली लगे दिवाली हाथ ।भक्त न लौटे खाली हाथ ।।ले लेते कुछ मोती आँख ।।दे देते तुम ज्योती आँख ।।१।। आशुतोष तुम, पूर्ण-मुराद ।जल्दी सुन लेते फरियाद […]
नमिनाथलघु चालीसा =दोहा=इक सहाय कलि-काल में, भगवन् अरहन नाम ।करें नाम भगवान् के, आओ सुबहो-शाम ।। कुछ साधो ऐसा दिन ।आ-‘दर्श’ स्वप्न दें जिन ।। अर स्वर्ण-सुहाग नहीं । मण-काञ्चन जोग यही ।।१।। जिन-दर्शन शिव-शिविका । जिन-दर्शन रथ-दिवि का ।।‘पवि’ […]
नेमनाथलघु-चालीसा=दोहा=बिन भगवत् गुण गान के,लगे न हाथ मुकाम ।आ पल, दो पल ही सही,लेते भगवत् नाम ।। दूर अंधेरा होता है ।तेरा दर्श अनोखा है ।।दीपक तले तिमिर देखा ।मावस कहाँ चन्द्र लेखा ।।१।। सूरज राहु परेशाँ है ।कौन आपके […]
पार्श्वनाथ लघु-चालीसा=दोहा=भक्ति दीप आ बालते,पार्श्व नाथ भगवान् ।तम ज्यों का त्यों है घना,दे लाठी सम्मान ।। हटके ‘भी’तर एक सुकून ।प्रभु-पारस इक मंशा पून ।। करें भक्त को आप समान ।बढ़-पारस-‘मण’ कीरत वान ।।१।। कल्मष पाप मेघ-घन माल ।प्रभु-पारस पवमान […]
=महावीर स्वामी=लघु-चालीसा‘दोहा’ किसे पुकारूँ कौन है,तुम बिन मेरा और ।माँ दिख जाये दूर से,शिशु आ जाये दौड़ ।। फबती हाथ अहिंसा केत ।तुम दर्शन सम-दर्शन हेत ।।फूट पड़ें भीतर सुख-स्रोत । तुम दर्शन प्रकटाये ज्योत ।।१।। समझो पाप-मेघ अवसान ।दर्शन […]
© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point
© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point