परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 35 चिन्ह अनंग बना ध्वज थारे । बाल ब्रह्म चारी मुनि सारे ।। विद्या सिन्ध बना, अपना लो । ले अभिलाष खड़े तुम द्वारे ।।स्थापना।। देखा फूल, भ्रमर बनता […]
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परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 35 चिन्ह अनंग बना ध्वज थारे । बाल ब्रह्म चारी मुनि सारे ।। विद्या सिन्ध बना, अपना लो । ले अभिलाष खड़े तुम द्वारे ।।स्थापना।। देखा फूल, भ्रमर बनता […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक – 34 चाँद में दाग है ।भान में आग है ।।छोटे बाबा सा कोई नहीं ।चन्दन लिपटाये नाग है ।।स्थापना।। खुद वशीभूत मार्ग-शिव सुनकर,सहज उसे था अपनाना ।लग कतार हो चले […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 33 कलि भव जलधि जहाज । सन्तों के सरताज ।। सुनें भक्त आवाज । विद्यासागर महाराज ।। जयकारा गुरु देव का… जयजय गुरु देव ।।स्थापना।। आने श्रुत-सुत कतार में […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 32 मैं बड़भागी । मेरी लगन लागी ।। गुरु चरण से, बचपन से । न ‘कि आजकल से, बल्कि बचपन से । मेरी लगन लगी, गुरु चरण से ।। […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 31 सदलगा से है नाता । दया बरसाना आता ।। पिता मल्लप्पा जिनके । भक्त हम अनन्य उनके ।। जयकारा गुरु देव का… जयजय गुरु देव ।। स्थापना।। देख […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 30 वन्दन-अभिनन्दन । माँ श्री-मन्ती नन्दन ।। तारक गुरु-ज्ञान नयन । सति-सन्त शिरोमण, वन्दन-अभिनन्दन ।। ।। स्थापना।। आँख नाक पर टिका आपने, इन्द्रिय गर्व मिटा ड़ाला । उसने किया […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 29 माँ श्री मन्त आँख का तारा । जय जय कारा जय जय कारा ।। नील गगन में एक सितारा । शरद् पूर्णिमा दिन अवतारा ।। स्थापना।। जानूँ भगवन् […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 28 मेरे मन के देवता । जरा इतना दे बता ॥ तेरा बनना है मुझे । कैसे रिझाऊँ तुझे।।स्थापना।। निर्मल नीर कहे जग शायद, आप हृदय से परिचित ना […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक – 27 चप्पे-चप्पे गूँजे ।विद्या-सागर दूजे ।।सन्त हैं,निर्ग्रन्थ हैं,भावी भगवन्त हैं,तभी जा रहे पूजे ।। स्थापना।। करतल-पगतल अहा गुलाबी,शत-दल कमल प्रसून से ।जनमे ही दिन शरद पूर्णिमा,बेशक चन्दा पून से ।।बिन […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 26 महक रहा जीवन चन्दन जैसा । चमक रहा ‘री तन कंचन जैसा ।। क्या बताऊँ सखी । सारी दुनिया निरखी । मिला न कोई इन जैसा ।।स्थापना।। मिला […]
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