उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म विधान *समर्पण भावना*टूट चली चिर निद्रा,जुड़ चली अपूर्व जाग ।चीर घना अंधकार,एक जग उठा चिराग ।‘धन्य घड़ी, धन्य भाग’‘धन्य घड़ी, धन्य भाग’हाथ लगी कस्तूरी,दूर दिखी दौड़-भाग ।यादें अवशेष द्वेष,चित् खाने चार राग ।‘धन्य घड़ी, धन्य भाग’‘धन्य […]
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