==आरती== मोति सीप आखों में ।ले लो दीप हाथों में ।।उतारो आरती आओ,आओ गुरु के गुण गाओ ।। मां श्री मन्ती हाथ पूर्ण,...
==आरती== धन भव मानव कर लीजे ।श्री गुरु की आ-रति कीजे ।। पाप कषाय भाव जीते ।अबर आडम्बर रीते ।।परहित नैन रखें...
==आरती== हाथ घृत दीपक लिये सदैव ।कीजिये आरतिया गुरुदेव ।। कब दुठ से भी बोले तीखे ।श्री गुरु ने राग द्वेष जीते...
==आरती== धन-धन ! भव मानव कर लीजे ।गुरु चरणों की आरति कीजे ।। तन वस्त्राभरण नगन चाले ।डर नरक पतन जोवन चाले...
==आरती== आरतिया कीजे ।थाल दिया लीजे ।।आरतिया पहली, सम्यक् दर्शन की ।शिव सीढ़ी पहली, सम्यक् दर्शन ही ।।हेत...
==आरती== ।। आरती उतारो आओ । भोग नाग काले ।वन जोवन चाले ।घन गर्जन सुन के, आ तरु-तल ठाड़े ।।ज्योति घृत दीप जगाओ...
==आरती== ।। ले दिया, मैं उतारूॅं आरतिया ।।तुम मिले मुझे, सब कुछ मिल गया । दीप ने पाई ज्योती ।सीप ने पाया मोती...
==आरती== आरती कीजे बारम्बार ।थाल दीपों की ले रतनार ।। छोड़ जीरण तृण-वत् घर बार ।हाथ घुंघर-लट श्याह उतार ।।चले...
==आरती== आरतिया आरतियाविद्यागुरु की आरतिया, उतारें आओ ।विद्यागुरु की मूरतिया, निहारें आओ ।। चीर चीर ये...
==आरती== दीपों की थाल सजाओ ।विद्यागुरु की आ-रति उतारें आओ ।।विद्यागुरु सतजुग निर्ग्रन्था ।विद्यागुरु...
==आरती== आ-रति कीजे संध्या संध्या ।सुत श्रीमति मल्लप्पा नन्दा ।। शरद पूर्णिमा का दिन आया ।ग्राम सदलगा उत्सव...
==आरती== कीजे आ-रति, सुबहो-शाम ।ज्योत जगा उर श्री गुरु नाम ।। पूरण मल्-लप्पा मनकाम ।श्रीमति हाथ सुकृत परिणाम...