लोभ (१) नदी वगैर पैसे लिये ही मीठा पानी पिला चली मैंने फलाई झोली किसी को वगैर कुछ दिये ही (२) बुरऔ आ कर रयै लोभ...
माया (१) स्वयं शब्द ही कह रहा है मॉं…या मैं दोनों में से कोई एक रहेगा अब मर्जी आपकी मॉं जिसमें सारा संसार...
मान (१) खुद-ब-खुद शब्द ही कर रहा है जहॉं मान वहाँ माँ न और बिना माँ के बच्चे की जिन्दगी कटी पतंग सी फटे-मृदंग सी...
उत्तम क्षमा (१) ठण्डे पड़ना अलग ही बात है मैं ठण्डे होने की बात कर रहा हूॅं अग्नि क्या हटी पानी ठण्डा हो चला...
न्यार-दिन-वार (१) किसी मंगल कार्य के मंगलाचरण के लिये आज रविवार से बढ़ करके मंगलमय होगा तो होगा मुझे और कौन सा...
(१) मैं SUNDAY के दिन मन्दिर जरूर जाता हूँ पता है क्यूँ भगवन् हर-दिन हमारी हाजरी यानि ‘कि Attendance जो लेते हैं ‘के...
(१) जन्माष्टमी मतलब गो सेवा गो शाला गो रक्षा गो पालन सच ‘माँ गो’ धन (२) जन्माष्टमी मतलब No बूचड़ खाने No कत्ल घर...
मुनि श्री निराकुल सागरजी महाराज...
मुनि श्री निराकुल सागरजी महाराज...
मुनि श्री निराकुल सागरजी महाराज...
मुनि श्री निराकुल सागरजी महाराज...
मुनि श्री निराकुल सागरजी महाराज...