सवाल आचार्य भगवन् ! ऑटो मोबाइल वाला ही नहीं ऑटो रिक्शा वाला भी मोबाइल वाला है आजकल नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब आजकल बच्चा ‘मुं…बाय…ला’ कर सामने रख दो बस कम न मोबाइल जश कह रहा सिर्फ […]
सवाल आचार्य भगवन् ! ऑटो मोबाइल वाला ही नहीं ऑटो रिक्शा वाला भी मोबाइल वाला है आजकल नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब आजकल बच्चा ‘मुं…बाय…ला’ कर सामने रख दो बस कम न मोबाइल जश कह रहा सिर्फ […]
सवाल आचार्य भगवन् ! रास्ते में एक जगह भीड़ जमा थी जाकर देखा तो मदारी खेल दिखा रहा था बन्दो डमरू की ताल पर नाँच दिखला रही थी भगवान् कैसे छिन चालती है स्वतन्त्रता नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, […]
सवाल आचार्य भगवन् ! वन अच्छा है, जीवन में तो उलफतों के सिवा कुछ भी नहीं है नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब सुनो, काँटों के बीच फूल मुस्कान लेते रहते हैं कुछ अटपटा सा नहीं लगता है […]
सवाल आचार्य भगवन् ! मन में कई विकल्प उठते रहते हैं, ऐसा हो जायेगा तो क्या करूँगा, वैसा हो जायेगा तो क्या करूँगा डरता ही रहता हूँ अनहोनी के बारे में सोचकर नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब […]
सवाल आचार्य भगवन् ! माँ सबसे हटके क्यों होती है नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब दादा के सपने में खेत खलियान बाड़ी दादी के सपने में किचिन-मकान-क्यारी पापा के सपने में पैसा-दुकान-दारी ‘दे दिखाई’ मगर माँ के […]
सवाल आचार्य भगवन् ! सन्यास आश्रम तो समझ में आया है ये वृद्धाश्रम क्या है नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब यह पहले विरथा आश्रम था हा ! आज व्यथा आश्रम है आसमां में जा के सभी खो […]
सवाल आचार्य भगवन् ! महात्मा में ढ़ेढ़ माँ, परमात्मा में दो माँ ऐसा है क्या माँ में सभी ने आगे-पीछे माँ को क्यों लगा रक्खा है नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब भर पेट भर भर प्लेट बच्चों […]
सवाल आचार्य भगवन् ! फटे में टाँग अड़ाने का खूब मन करता है, और एक कदम आगे बढ़ जाता हूँ फिर मुँह की खाता हूँ क्या करूँ नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब दे…बता क्या दो से जियादा […]
सवाल आचार्य भगवन् ! जिनवाणी सहज साध्य है, या दुरुह नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब सुनो, माँ आगे लगा करके बोलते हैं तो वाणी यानी भाषा मातृ भाषा हो चालती है और बड़ी आसां हो चालती है […]
सवाल आचार्य भगवन् ! ‘माँ रखती करिश्मा’ ऐसा क्यों कहते हैं नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब कलम थमा नन्हें-नन्हें हाथों में थमाती है सुनहरा कल माँ गरम हुए बिना ‘दव’ जैसे ‘बाजी मारना’ कुहासे जैसे सीखना माँ […]
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