पूजन आचार्य श्री समय सागर जी मुनि श्री निराकुल सागर जी द्वारा विरचित श्रद्धा सुमन चढ़ाता हूँ मैं,श्रीगुरु के चरणों में ।कौन सिवा गुरु सुमरण करता, आवीची मरणों में ।।गुरु धरती के देव कहाते ।तरु से परहित बनते छाते ।कुछ […]
पूजन आचार्य श्री समय सागर जी मुनि श्री निराकुल सागर जी द्वारा विरचित श्रद्धा सुमन चढ़ाता हूँ मैं,श्रीगुरु के चरणों में ।कौन सिवा गुरु सुमरण करता, आवीची मरणों में ।।गुरु धरती के देव कहाते ।तरु से परहित बनते छाते ।कुछ […]
पूजन आचार्य श्री समय सागर जी मुनि श्री निराकुल सागर जी द्वारा विरचित आचार्य समय सागर जी के,चरणों में शत शत वन्दन है ।गंगा का निर्मल जल लाया,हाथों में मलयज चन्दन है ।।सौरभ मण्डित अक्षत अखण्ड,वन नन्दन पुष्प मंगाये हैं […]
पूजन आचार्य श्री समय सागर जी मुनि श्री निराकुल सागर जी द्वारा विरचित श्रद्धा सुमन लिये आया हूँ,मन पुलकित, गदगद वाणी । आन पधारो हृदय हमारे, आँखों से छलका पानी ।। सन्त शिरोमण ! रक्षक गोधन ! अभिनव श्रमण सूर […]
==आरती== महिमा श्री गुरु अपरम्पारा ।खोली आंख छटा अंधियारा ।।करें आरती आओ मिल के ।लिये दीप दूजा ध्रुव तारा ।। सुख देते प्रभु दुख भी देते ।सुख देते गुरु दुख हर लेते ।।गुरु ने जीवन शिष्य संवारा ।खोली आंख छटा […]
==आरती== करें आरतिया आओ ।दीप की थरिया लाओ ।। नरक अब पड़े न जाना ।दिगम्बर ओढ़ा वाना ।।बन चले पत्थर जैसे,साक्षि मृग खाज खुजाना ।थिरक ता थैय्या गाओ ।दीप की थरिया लाओ ।करें आरतिया आओ ।।१।। खड़े चौराहे जाड़े ।ग्रीष्म […]
==आरती== करें आरती आओ मिल के ।साधु सन्त जन भगवन् कल के ।। नरक पतन से डरे डरे हैं ।देख पीर पर नैन झिरे हैं ।।लट लुंचन सज, भज पट मुंचन,जा बीहड़ वन बीच खड़े हैं ।।ज्योत जगा दीवा घृत […]
==आरती== झिलमिल झिलमिल दीप जगाओ,करो आरती आओ ।सन्त देवता इस धरती के,श्रद्धा सुमन चढ़ाओ ।। नरक पतन भयभीत चल पड़े ।परिषह जय कर प्रीत चल पड़े ।।पट उतार, झटपट उखाड़ लट,वन, बन नम्र विनीत चल पड़े ।।सन्त तीर्थ चल, तीर्थंकर […]
==आरती== जय-जयकारा, जय-जयकारा ।लिये स्वर्ण दीपक घृत वाला ।।करूँ आरती जय गुरुदेवा ।दुख निवारती श्री गुरु सेवा ।। पहली आरति ग्रीष्म दुपारी ।सूर्य आग बरसाता भारी ।।चढ़ पहाड़ शिल तप्त निहारा ।जय-जयकारा, जय-जयकारा ।लिये स्वर्ण दीपक घृत वाला ।।करूँ आरती […]
==आरती== ।।मुझे दीखे वन में मुनिराज।। हाथ में दीपों की थाली ।जगमगाती ज्योती वाली ।।उतारूँ आरतिया में आज ।पुण्य पे अपने मुझको नाज ।।मुझे दीखे वन में मुनिराज ।।१।। जोर की बरसा मुसलधार ।बूँद बाणों सा करे प्रहार ।।गरजती बिजली […]
==आरती== भव सागर तट धरें ।गुरुवर संकट हरें ।आओ आरति करें ।। ओजस्वी हैं गुरुवर ।तेजस्वी हैं गुरुवर ।गुरुवर मनस्वी हैं,तपस्वी हैं गुरुवर ।।दीवाली घृत भरें ।आओ आरति करें ।भव सागर तट धरें ।गुरुवर संकट हरें ।आओ आरति करें ।।१।। […]
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