परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 3 === स्थापना === सुर’भी’ सौरभ तुम । सदलगा गौरव तुम । चाँद पूनम मुखड़ा ।। तुम विहरते दुखड़ा वर्तमान पुरु-देव । जयतु जयतु गुरु-देव ॥स्थापना।। ॐ ह्रीं श्री […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 3 === स्थापना === सुर’भी’ सौरभ तुम । सदलगा गौरव तुम । चाँद पूनम मुखड़ा ।। तुम विहरते दुखड़ा वर्तमान पुरु-देव । जयतु जयतु गुरु-देव ॥स्थापना।। ॐ ह्रीं श्री […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 2 === स्थापना === विद्या सागर दीव । जिसने रखा करीब ।। दूर हुआ अँधियारा । जयकारा, जयकारा ।। तरण वैतरण-धारा । साँचा सद्गुरु द्वारा ।। ॐ ह्रीं श्री […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 1 ‘निःस्वार्थ’ करुणा करे केली, हृदय इन वसु याम ही ।। आहा सुखद भव-लयी इनका, दूर-दर्शन नाम ही ॥ इमि पग रखें ये संभल के, जैसे चले नव अंगना […]
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