परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 135 श्रीमति माँ मल्लप्पा घर । थे आये बन विद्याधर ।। चरणों की धूल बनाकर । रख लो गुरु विद्या सागर ।। स्थापना।। प्रासुक जल से भर गागर । आये […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 135 श्रीमति माँ मल्लप्पा घर । थे आये बन विद्याधर ।। चरणों की धूल बनाकर । रख लो गुरु विद्या सागर ।। स्थापना।। प्रासुक जल से भर गागर । आये […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 134 शरण आया ।यजन भाया ।। सिन्धु विद्या ।श्रमण राया ।। स्थापना ।। शरण आया ।उदक लाया ।। सिन्धु विद्या ।श्रमण राया ।।जलं ।। शरण आया ।गन्ध लाया ।। […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रमांक – 133 नाम लिया स्वयमेव ही,सुलझा उलझा काम ।बाद काम शुरु जे करें,पहले लें गुरु नाम ॥मुझ शबरी श्री राम जो,तुझ मीरा घनश्याम ।श्री गुरु विद्या वे तिन्हें,बारम्बार प्रणाम ।। स्थापना […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 132 श्रमण संघ नायक, उन्नायक-श्रमण संस्कृति के । तोता क्यों रोता प्रस्तोता,मूक माटि कृति के ॥ श्री गुरु वे विद्या सागर जी,शिव-सारथि होवें । रोये पल आगमन, गमन पल,पा […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक – 131 साहस से भरी हैं बातें तुम्हारी ।माँ दही मिश्री हैं बातें तुम्हारी ।।श्री गुरु विद्या सिन्धु जी,कलि भो जलधि तरी हैं बातें तुम्हारी ।।।। स्थापना ।। सम्यक्त्व सीढ़ियाँ बातें […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 130 चरणन आया । यजन सुहाया ।। छत्रच्छाया । दो ऋषि राया ।। स्थापना ।। चरणन आया । जल-कण लाया ।। छत्रच्छाया । दो मुनि राया।। जलं ।। चरणन आया […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक – 129 माँ श्री मन्ती दृग्-तारे ।मल्लप्पा राज दुलारे ।।गुरुकुल गुरु ज्ञान सितारे ।दो सुलटा भाग हमारे ।। स्थापना ।। भर लाये जल से झारी ।दुविधा लो विहर हमारी ।।कर दो […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक – 128 गुरु विद्या सिन्धु मिरे ।मेंटें भव-भव फेरे ।।दर खूब धूम फिर के ।आये अब द्वार तिरे ।।स्थापना।। ‘कर’ कर तर उदक घड़े ।तेरे दरबार खड़े ।।छल-गहल किनार करे ।वर […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक – 127 शरद पूर्णिमा के ओ चन्दा ।माँ श्री मन्ती के ओ नन्दा ।।भक्त तुम्हारे आये द्वारे ।मेंटो जी भव-भव के फन्दा ।। स्थापना ।। पिता मलप्पा कुल उजियारे ।ज्ञान सिन्धु […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक – 126 छाया इनकी जिस पर पड़ जाती,निहाल वो हो जाता ।दें मुस्कुरा जरा सा बस,पत पतझड़ झड़ सावन आता ॥होंगें सन्त महन्त जगत के,मेरे तो भगवन्त यही ।श्री गुरुवर विद्या […]
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