परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 165 तारण तरण ।मिरे भगवन् ।।आया चरण ।पाने शरण ।। स्थापना ।। लाया उदक ।पाने झलक ।।इक आपकी ।।गुरु आपकी ।। जलं ।। लिये मलयज ।पाने पदरज ।।कुछ आपकी ।गुरु आपकी […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 165 तारण तरण ।मिरे भगवन् ।।आया चरण ।पाने शरण ।। स्थापना ।। लाया उदक ।पाने झलक ।।इक आपकी ।।गुरु आपकी ।। जलं ।। लिये मलयज ।पाने पदरज ।।कुछ आपकी ।गुरु आपकी […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 164 लिये बिन तेरा नाम ।न रीते कोई शाम ।।ओ निरीह निष्काम ।गुरुवर तुम्हें प्रणाम ।। स्थापना ।। भर लाये जल कलशे ।रहने न बने कल-से ।।ओ निरीह निष्काम […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 163 बिन कारण जो कर रहे,अजनबियन से प्यार ।। बिन कारण जो कर रहे,अजनबियन उपकार ।। बिन कारण जो कर रहे,अजनबियन उस पार । श्री गुरु विद्या वे तिन्हें,वन्दन […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक – 162 जय गुरुदेव गुशाला वाले ।विद्या सागर सन्त निराले ।।पाप भाव विहॅंसाने काले ।आये चरण शरण हम ग्वाले ।। स्थापना ।। जय गुरुदेव गुशाला वाले ।विद्या सागर सन्त निराले ।।पाप […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक – 161 ‘जि पुजारी नये नये हम ।आ खाली हाथ गये हम ॥सुनते, गुरु विद्या दानी ।कर लो अपने सा ध्यानी ॥ स्थापना ॥ नहिं मिल पाई जल झारी ।दृग् झरना […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 160गुरु चरणगुरु चरणगुरु चरणशरद पूरण-अवतरण ।शश-पूरण-शरद ‘वरण’ ।।चल तीरथ विद्या श्रमण ।इक शरण- इक शरण- इक शरण।। स्थापना।। नीर कर, कर कर नमन ।भेंटता आ तर नयन ।। इक अवर […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक – 159 बड़े बाबा दीवाने ।तुम्हें न कौन जाने ।।जहाने ! छोटे बाबा ।लगा उस तट दो नावा ।। स्थापना ।। नीर भर लाये गगरी ।भाये सिद्धों की नगरी ।।सभी के […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 158 हैं मासूमों की जान ।है मामूली न ज्ञान ।।इक शाने-हिंदुस्तान ।प्रति-कृति गुरु ज्ञान महान ।।स्थापना ।। हथकरघा इनकी देन ।पैगामे-अमनो चैन ।। इक शाने-हिंदुस्तान ।प्रति-कृति गुरु ज्ञान महान […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन `क्रंमाक – 157 रग रग ऐसे बसी निराकुलता ।नमक नीर में जैसे घुल मिलता ।।वे गुरु ज्ञान सिन्धु नयनन-तारे ।तर टोटे, कर दें वारे न्यारे ।। स्थापना ।। जान हेत संक्लेशों का, […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक – 156 सत् शिव सुन्दर ।ज्ञान समुन्दर ।।सद् गुण आकर ।विद्यासागर ।। स्थापना।। भर जल लाया ।चरण चढ़ाया ।।ओ ! सम दर्पण ।दो सम-दर्शन ।। जलं ।। चन्दन लाया ।चरण चढ़ाया […]
© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point
© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point