परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 215 सुन पीड़ा लो ।ले बीड़ा लो |।कल्याण का ।मेरे भगवान् आ ।। स्थापना ।। उजला सा जल ।धुंधला सा कल ।।कीजे करुणा ।दीजे शरणा ।। जलं ।। शीतल चन्दन ।भीतर […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 215 सुन पीड़ा लो ।ले बीड़ा लो |।कल्याण का ।मेरे भगवान् आ ।। स्थापना ।। उजला सा जल ।धुंधला सा कल ।।कीजे करुणा ।दीजे शरणा ।। जलं ।। शीतल चन्दन ।भीतर […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 214 सुना, सुना करते दुख हो । सुनते ही हरते दुख को ।। है दुख मेरा भी कम ना । अजि कृपया कीजो करुणा ।। स्थापना।। थी रोती गो हा […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 213 नफरत नहीं किसी से,मतलब तुम्हें सभी से ।ओ नूरे आसमानी ।दो सँवार जिन्दगानी ।। स्थापना ।। ज्यों घर अमीर बढ़िया ।त्यों ही तुम्हें झुपड़िया ।।ओ नूरे आसमानी ।दो सँवार जिन्दगानी […]
पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 212 ‘रे मगन निराकुलता में ।माहनन पताका थामे ।।गुरु कुन्द-कुन्द सारीखे ।हैं किसके नहीं सभी के ।। स्थापना ।। सिंह सी चर्या पाले हैं ।इक निस्पृह रख-वाले हैं ।।गुरु मानतुङ्ग सारीखे ।स्वीकारो […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 211 नाराज किसी को कभी न करते हैं ।जो राज सभी के दिल पे करते हैं |।श्री सन्त शिरोमणी वे छोटे बाबा ।दें लगा किनारे, भौ-जल बिच नावा ।। स्थापना।। मुस्कान […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 210 निराकुल और न्यारे ।बच्चे जिनको प्यारे ।।रब से छोटे बाबा ।सब के तारण-हारे ।। स्थापना ।। बच्चे जब भी आते ।मुस्काँ नुख्सा पाते ।।जल ले आये, गुरु जी ! ।झूमते […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रमाक 209 ओ ! करने वाले करुणा । सुनते ! जो आता शरणा ।। होता बेड़ा पार । ‘कि गुरु की जय जयकार ।। महिमा अपरम्पार, ‘कि गुरु की जय जयकार […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 208 भाँती इन्दु नृसीहा ओ ।स्वाती बिन्दु पपीहा गो ।। गो संरक्षक गो शाला ।हित पूजन आये ग्वाला ।। स्थापना ।। जल नहिं मिल पाया स्वामी ।दुखियन पथ-अँखिंयन गामी ।।ले आये […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 207 निहारिये जी गुरु जी ।पधारिये जी गुरु जी ।।सूना-सूना हृदयासन ।करता सविनय आह्वानन ।।‘जि पधारिये जी गुरु जी ।निहारिये जी गुरु जी ।पधारिये जी गुरु जी ।। स्थापना ।। स्वीकारिये […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 206 ग्रीषम तरुवर-सी छैय्या हैं । नैय्या-गो यही खिवैय्या हैं । छोटे बाबा ! पा इन्हें आज । थिरकें गो ता-था-थैय्या हैं ।। स्थापना ।। गायों ने क्या ? इनको […]
© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point
© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point