परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 236 घन घोर अंधेरे । तुम ही इक मेरे ।। भर सपने रँग दो । कर अपने सँग लो ।। स्थापना ।। संसार अनोखा । दें अपने धोखा ।। भर […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 236 घन घोर अंधेरे । तुम ही इक मेरे ।। भर सपने रँग दो । कर अपने सँग लो ।। स्थापना ।। संसार अनोखा । दें अपने धोखा ।। भर […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 235 जी विधाता । दीन त्राता ।। इक शरण ओ । रख चरण लो ।। स्थापना ।। नीर लाये । तीर आये ।। इक शरण ओ । रख चरण लो […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 233 है भूल भुलैय्या । अयि ! मेरे खिवैय्या ।। दो लगा किनारे । मेरी ये नैय्या ।। स्थापना ।। है लिये नीर हम । ले रही पीर दम ।। ओ […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 232 हैं आकुल-व्याकुल हम । हो शान्त निराकुल तुम ।। प्यारा सपने जैसा । कर लो अपने जैसा ।। स्थापना ।। हैं गफलत मूरत हम । हो भले मुहूरत तुम […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 231 मैं आकुल-व्याकुल । हैं आप निराकुल ।। कर निज-सा लीजे । घर निज-सा कीजे ।। स्थापना।। मैं पुलिन्दा खता ! हैं आप देवता ।। कर निज सा लीजे । […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 230 थाम पतवार लो । लगा उस पार दो ।। गुरु खिवैय्या । है मँझधार में मेरी नैय्या ॥ स्थापना ॥ भेंटते जल कलश । भेंट दें सम-दरश ॥ गुरु […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 229 मन्नत पूरी करने वाले ।जन्नत दूरी हरने वाले ।।दिल नजदीक निवसने वाले ।भर दो जीवन में उजियाले ॥ स्थापना ॥ सारे संकट हरने वाले ।पथ निष्कष्टक करने वाले ॥अपहरने वाले […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 228 मेरी सुन लो ।मुझको चुन लो ।।दास अपना ।न और सपना ॥ स्थापना ॥ भेंटूँ जल घट ।मेंटो संकट ।।एक शरणा ! करके करुणा ॥ जलं ॥ भेंटूँ चन्दन […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 227 चलें निराकुल पंथ । भक्तों के भगवन्त ।। गुरु विद्या निर्ग्रन्थ । वन्दन तिन्हें अनन्त ।। स्थापना ।। लाये उज्ज्वल नीर । पाने भौ-जल-तीर ।। हम सबके भगवान् । दे […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 226 गो शाला से प्यार तुम्हें ।गो माता ना भार तुम्हें ।।ओ ! रखवाले गो शाला ।रखें लाज, आये ग्वाला ।। स्थापना।। ओ ! माँ श्री मन्ती लाला ।पय महँगा सस्ती […]
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