परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 275 हाईकू थाम लो, ‘हाथ’ कर बात-बात में शिव ग्राम दो ।।स्थापना।। स्वीकारो, जल-दृग् लाया, न छू सके , ‘कि काला साया ।।जलं।। स्वीकारो, गन्ध ले आया, सर, कर दो […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 275 हाईकू थाम लो, ‘हाथ’ कर बात-बात में शिव ग्राम दो ।।स्थापना।। स्वीकारो, जल-दृग् लाया, न छू सके , ‘कि काला साया ।।जलं।। स्वीकारो, गन्ध ले आया, सर, कर दो […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 274 *हाईकू*रह पाऊँगा,न आपके बिनदे दीजे शरण ।।स्थापना ।। जल चढ़ाते चरण ।मेंटो जन्म, जरा मरण ।।जलं।। गन्ध चढ़ाते चरण ।लगा हाथ दो सुमरण ।। चन्दनं।। सु-धाँ चढ़ाते चरण ।अलबिदा […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 273 ==हाईकू==‘रहे मेरा यूँ ही,तेरा आशीर्वादसिर्फ मुराद’।।स्थापना ।। अरज सुन, जो दिया गंधोदक भेंटूँ उदक ।।जलं।। भेंटूँ चन्दन मैं, अरज सुनना जो आया तुम्हें ।।चन्दनं।। अरज सुन ली, तुमनें जो […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 272 *हाईकू*पाँव-छाँव मेंजगह दीजे,‘गुरु जी’ दया कीजे ।।स्थापना ।। तुमने रख ली जो लाज हमार,भेंटूँ दृग् धार ।।जलं।। तुमने रक्खी जो लाज मोर,भेंटूँ गंध बेजोड़ ।।चन्दनं।। ओ ! रख ली […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 271 *हाईकू* श्रद्धा सवाली, लौटाये ‘गुरु-द्वार’ न हाथ खाली ।।स्थापना।। जल भेंटते चरणन, भेंट दें हमें शरण ।।जलं।। गन्ध भेंटते चरण में, भेंट दें शरण हमें ।।चन्दनं।। भेंटते शाली धान […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 270 ==हाईकू== कलि अंधेरा घोर, गुरु ‘के-बल’ सबेरा भोर ।।स्थापना ।। छू उदक, दो थमा आसमाँ, गुरु जी नमो नमः ।।जलं।। छू चन्दन, दो थमा अरमाँ, गुरु जी नमो नमः […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 269 *हाईकू* माटी मैं, गुरु जी ! जोड़ हाथ खड़ा, बनने घड़ा ।।स्थापना ।। भेंटते नीर, कृपाल-वैद्य-बाल ! मेंट दें पीर ।।जलं।। भेंटते गन्ध, दयाल प्रति पाल ! मेंट दें […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 268 *हाईकू* विनती मेरी, ओ ! कीजो, अपनों में, गिनती मेरी ।।स्थापना।। भेंटूँ उदक, ओ ! दिखा दो, अपनी एक झलक ।।जलं।। भेंटूँ चन्दन, ओ ! हटक दो, पड़ा पीछे […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 267 ==हाईकू== बेजुबाँ जवाँ, ‘जाँ’ हिन्दी जुबाँ गुरु जी नमो नमः ।।स्थापना ।। भेंटूँ उदक, हूबहू आप जैसी, पाने बनक ।।जलं।। भेंटूँ चन्दन, हूबहू आप जैसा, जीतने मन ।।चन्दनं।। भेंटूँ […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 266 *हाईकू* हमारा बड़ा पुन, जो आपने ली हमारी सुन ।।स्थापना ।। सो…ना पा गया पानी महक, भेेंटूँ मैं भी उदक ।।जलं।। भेेंटूँ चन्दन, पाई चन्दन वीर अभिनन्दन ।।चन्दनं।। पाई […]
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