परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित क्रंमाक पूजन 285 “हाईकू”हूँ परेशाँदो सुलझा-उलझनमेरे भगवन् ।।स्थापना ।। ओ ! बदले, ‘कि दुनिया म्हारी, लिये जल की झारी ।।जलं।। ‘कि उड़ सके, पतंग म्हारी,लिये चन्दन झारी ।।चन्दनं।। जड़े तारे, ‘कि चूनर […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित क्रंमाक पूजन 285 “हाईकू”हूँ परेशाँदो सुलझा-उलझनमेरे भगवन् ।।स्थापना ।। ओ ! बदले, ‘कि दुनिया म्हारी, लिये जल की झारी ।।जलं।। ‘कि उड़ सके, पतंग म्हारी,लिये चन्दन झारी ।।चन्दनं।। जड़े तारे, ‘कि चूनर […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 284 ==हाईकू== भूल भूलैय्या दो लगा पार नैय्या मेरे खिवैय्या ।।स्थापना।। करुणा कीजो, आये, उदक लाये अपना लीजो ।।जलं।। करुणा कीजो, आये, चन्दन लाये तनना छीजो ।।चन्दनं ।। करुणा कीजो, […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 283 हाईकू आचार्य श्री जी अहो ! बदल मेरी भीदुनिया दो ।।स्थापना।। विघटे तम-मातम-गम, नीरभेंटते हम ।।जलं।। विघटे यम-जरा जनम, गन्धभेंटते हम ।।चन्दनं।। आना-जाना हो जाय खतम,सुधॉं भेंटते हम ।।अक्षतं।। […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 282 ==हाईकू== गुरुजी ! कलि-बिछे काँटे बहुत ही, ले लो गोदी ।।स्थापना।। भेंटते जल, दो लगा किनारे ओ ! तारणहारे ।।जलं।। भेंटते गन्ध, दो लगा किनारे, ओ ! एक सहारे […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 281 ==हाईकू== आईजो गुरु जी !आह्वाननसूना हृदयाँगन ।।स्थापना।। तुम्हें पढ़ना जो आँखें मेरी आईं,धारें भिंटाईं ।।जलं।। पढ़ना आया अच्छे से आँखें तुम्हें,भेंटूँ गंध तुम्हें ।।चन्दनं।। तुम्हें पढ़ना जो आईं आँखें […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 280 हाईकू आ हृदय में पधारो ‘आमंत्रण’ मेरा स्वीकारो ।।स्थापना।। भेंटूँ नीर, दो तीर से जोड़ नाता, मेरे विधाता ।।जलं।। भेंटूँ गन्ध, दो नन्त से जोड़ नाता, मेरे विधाता ।।चन्दनं।। […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 279 **हाईकू** अपना लो ‘कि सुन आया तुम्हें न कोई पराया ।।स्थापना।। तुमने मुझे जो दे दिया समय, भींगे दृग्-द्वय ।।जलं।। तुमने मुझे जो दे दी शरण, मैं भेंटूँ चन्दन […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 278 ==हाईकू== सुनते, आप सुनते दुखड़ा, सो सम्मुख खड़ा ।।स्थापना।। भेंट ले आये, ‘जल-घट’ विघटा दीजे संकट ।।जलं।। भेंट ले आये, ‘गन्ध-घट’ विघटा दीजे कण्टक ।।चन्दनं।। भेंट ले आये, ‘शाली […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 277 **हाईकू** मुझ मीरा के श्याम ! ‘लो अपना’ दे अपना नाम ।।स्थापना।। लाया, उदक चढ़ाया, मैंने कुछ अपूर्व पाया ।।जलं।। लाया, चन्दन चढ़ाया, मैंने सुख-अपूर्व पाया ।।चन्दनं।। लाया, थाल […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 276 ==हाईकू== सुना, गुरु जी, सुना करते सभी की, दुखी मैं भी ।। स्थापना।। पाऊँ अखीर, ‘सु-मरण’ चढ़ाऊँ नीर भगवन् ।। जलं।। पाऊँ शरण, चढ़ाऊँ चन्दन, न गवाऊँ क्षण ।। […]
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