सवाल
आचार्य भगवन् !
सबसे हल्का कौन ?
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
किसी को गुरु मान लिया
लो बन चले हल्के
अब दूर थोड़े ही रहा आसमान
ओ ! भगवान् कल के
दो…गला भि…मान
प्रश्न तो डुबो देते हैं
हल-के बनिये
तेल की एक छोटी सी बूँद,
समन्दर के सर पर चढ़कर बोलती है
राज खोलती है
एक टुकड़े भर भी लकड़ी,
लहरों के कांधों पर बैठकर
डोलती है
जश्न तो डुबो देते हैं
प्रश्न तो डुबो देते हैं
हल-के बनिये
‘एस’ निकलते नहीं
SAPNE
अपने ( APNE )
न चमकता,
न चमकाता,
पता वो हल्का
जो न भाग लेता,
न मैदान छोड़ भाग लेता,
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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