सवाल
आचार्य भगवन् !
हिंसा की वजह, क्या है ?
कृपया बतलाने की कृपा कीजिए
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
हिंसा की वजह पहली,
चश्मा माथ पर,
‘रक्खे रहना’
गुस्सा नाक पर
पर जर्रा याद तो रक्खो,
किसी के चेहरे पर बाद में लगती,
पहले लगानी पड़ती कालिख अपने हाथ पर
हिंसा की वजह अगली,
बोले सिर चढ़ कर,
जिन्दा, जिन्द से बढ़ कर
पर जर्रा याद तो रक्खो,
दौड़ना दूर,
सुदूर चलना,
धका के सही,
जिन्दगी की गाड़ी बढ़ सकती क्या,
जर्रा भी अपराध-बोध से लड़ कर
हिंसा की वजह असली,
दैव हो रूठा भर,
क्या कुछ नहीं करा लेता
पेट हो भूखा भर
पर जर्रा याद तो रक्खो,
रेखा अपनी बढ़ाने
दूसरों की रेखा हम लगे मिटाने,
क्या तरीका सिर्फ यही अनूठा भर
की मैंने खोज,
देर रात तलक, जाग कर रोज,
तब हिंसा की वजह निकली,
करना गुमान,
बेजुबानों की जान से खेल कर
और छिड़कना अपनी जान,
क्रीम पाउडर इतर तेल, फुलेल पर
पर जर्रा याद तो रक्खो,
सँवारोगे
जितना जीवन वारोगे अपना
उतना कम है,
ये देह काची माटी का खपरेल घर
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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