सवाल
आचार्य भगवन् !
पर्वराज पर्युषण में
जहाँ आप रहते हैं,
वहाँ कोई प्रतियोगिता क्यों नहीं होती है
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
न सिर्फ कह रही है प्रति…योग ऽत:
होनी ही चाहिये
बल्की रुक रुक के पढ़ो तो यह भी कह रही है
प्र…प्रधान रूप से
ति… तीन योग्य
बाकी की सूरत रोनी होनी
ऽत: अनहोनी टालिये
हार
किसी के गले पड़ना ‘हार’
अच्छा है
उठती मन की तरंग लो मार
हाईकू
माटी माधौ !
हो सकेगा देर न तैरना
डूबा साधो ।
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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