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आचार्य श्री पूजन

गुरु-पाद पूजन – 864

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 
  • परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित

पूजन क्रंमाक 864

जय-विद्या जप ले
‘रे मनुअा जय-विद्या जप ले
और मेंट ले,
किये हुये, अब-तक के पाप पिछले
जय-विद्या जप ले
‘रे मनुअा जय-विद्या जप ले ।।स्थापना।।

मण जल गगरी लाके
श्रद्धा गहरी लाके
आ मनुआ ‘रे, गुरु चरणों में भेंट दे
और मेंट ले,
किये हुये, अब-तक के पाप पिछले
जय-विद्या जप ले
‘रे मनुअा जय-विद्या जप ले ।।जलं।।

रस मलय-गिरी लाके
श्रद्धा गहरी लाके
आ मनुआ ‘रे, गुरु चरणों में भेंट दे
और मेंट ले,
किये हुये, अब-तक के पाप पिछले
जय-विद्या जप ले
‘रे मनुअा जय-विद्या जप ले ।।चन्दनं।।

धाँ शालि-निरी लाके
श्रद्धा गहरी लाके
आ मनुआ ‘रे, गुरु चरणों में भेंट दे
और मेंट ले,
किये हुये, अब-तक के पाप पिछले
जय-विद्या जप ले
‘रे मनुअा जय-विद्या जप ले ।।अक्षतं।।

गुल नन्द लरी लाके
श्रद्धा गहरी लाके
आ मनुआ ‘रे, गुरु चरणों में भेंट दे
और मेंट ले,
किये हुये, अब-तक के पाप पिछले
जय-विद्या जप ले
‘रे मनुअा जय-विद्या जप ले ।।पुष्पं।।

चरु घृत विरली लाके
श्रद्धा गहरी लाके
आ मनुआ ‘रे, गुरु चरणों में भेंट दे
और मेंट ले,
किये हुये, अब-तक के पाप पिछले
जय-विद्या जप ले
‘रे मनुअा जय-विद्या जप ले ।।नैवेद्यं।।

दीवा ‘गिर-घी’ लाके
श्रद्धा गहरी लाके
आ मनुआ ‘रे, गुरु चरणों में भेंट दे
और मेंट ले,
किये हुये, अब-तक के पाप पिछले
जय-विद्या जप ले
‘रे मनुअा जय-विद्या जप ले ।।दीपं।।

अक्षर सुर’भी लाके
श्रद्धा गहरी लाके
आ मनुआ ‘रे, गुरु चरणों में भेंट दे
और मेंट ले,
किये हुये, अब-तक के पाप पिछले
जय-विद्या जप ले
‘रे मनुअा जय-विद्या जप ले ।।धूपं।।

फल-रित मिसरी लाके
श्रद्धा गहरी लाके
आ मनुआ ‘रे, गुरु चरणों में भेंट दे
और मेंट ले,
किये हुये, अब-तक के पाप पिछले
जय-विद्या जप ले
‘रे मनुअा जय-विद्या जप ले ।।फलं।।

वस द्रव शबरी लाके
श्रद्धा गहरी लाके
आ मनुआ ‘रे, गुरु चरणों में भेंट दे
और मेंट ले,
किये हुये, अब-तक के पाप पिछले
जय-विद्या जप ले
‘रे मनुअा जय-विद्या जप ले ।।अर्घ्यं।।

=हाईकू=
तुम्हें अमीर एक गरीब,
सुन आया करीब

जयमाला
विद्या सागर जयकारे
आ मनुआ ‘रे
लगायें मिल के हम सभी,
विद्या सागर जयकारे
न जाते खाली कभी
विद्या सागर जयकारे
आ मनुआ ‘रे
लगायें मिल के हम सभी,
विद्या सागर जयकारे

मूक-माटी कह रही
कही पूर्णायु यही
लगायें मिल के हम सभी,
विद्या सागर जयकारे
न जाते खाली कभी
विद्या सागर जयकारे
आ मनुआ ‘रे
लगायें मिल के हम सभी,
विद्या सागर जयकारे

पूरी-मैत्री ने कहा
कह रहा हतकरघा
लगायें मिल के हम सभी,
विद्या सागर जयकारे
न जाते खाली कभी
विद्या सागर जयकारे
आ मनुआ ‘रे
लगायें मिल के हम सभी,
विद्या सागर जयकारे

प्रतिभा स्थली बाला
कह रही गौशाला
लगायें मिल के हम सभी,
विद्या सागर जयकारे
न जाते खाली कभी
विद्या सागर जयकारे
आ मनुआ ‘रे
लगायें मिल के हम सभी,
विद्या सागर जयकारे

कौन बिन कहे रहा
सबने एक सुर कहा
लगायें मिल के हम सभी,
विद्या सागर जयकारे
न जाते खाली कभी
विद्या सागर जयकारे
आ मनुआ ‘रे
लगायें मिल के हम सभी,
विद्या सागर जयकारे
।। जयमाला पूर्णार्घं ।।

=हाईकू=
तोहे औगुन आये हरना,
सुन आये शरणा

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