- परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित
पूजन क्रमांक 602
हाईकू
क्यों आपने न आना चुना,
मौसम जाके आ गया ।।स्थापना।।
जल सौंपते,
त्राहिं माम्
सुना, आप आँसू पौंछते ।।जलं।।
चन्दन भेंटें,
त्राहि माम्
सुना, आप क्रन्दन मेंटें ।।चन्दनं।।
अक्षत सौंपें,
त्राहि माम्
सुना, आप विपत् विलोंपें ।।अक्षतं।।
पुष्प क्षेपते,
त्राहि माम्
सुना, आप, पार भेजते ।।पुष्पं।।
नैवेद्य लायो,
त्राहि माम्
सुना, आप वैद्य-बाल हो ।।नैवेद्यं।।
प्रदीप बालें,
त्राहि माम्
सुना, आप पास बुला लें ।।दीपं।।
धूप भेंटते,
त्राहि माम्
सुना, आप दुःख मेंटते ।।धूपं।।
फल चढ़ाते,
त्राहि माम्
सुना, आप छल बिलाते ।।फलं।।
अरघ भेंटूॅं,
त्राहि माम्
सुना, आप अघ करें छू ।।अर्घ्यं।।
हाईकू
बखूब,
आती खूब,
आपको डूब,
‘जि वाह खूब
जयमाला
अय ! जिन्दगी देने वाले
की जिन्दगी ये तेरे हवाले
रखना इसे संभाल
अभी नादां ये नौनिहाल
रखना इसे संभाल
पढ़ न पाते चेहरे,
अभी साफ-साफ हम
पास पाते न माँ को,
तो जाते कांप हम
लोगों ने दाने साथ,
हैं रक्खे बिछा के जाल
रखना इसे संभाल
अभी नादां ये नौनिहाल
रखना इसे संभाल
अय ! जिन्दगी देने वाले
की जिन्दगी ये तेरे हवाले
रखना इसे संभाल
अभी नादां ये नौनिहाल
रखना इसे संभाल
पराया कौन अपना,
नहीं जानते फरक
घुटनों के सहारे,
हैं चल रहे सरक-सरक
हर शख्स जमाने में,
चल रहा दुरंगी चाल
रखना इसे संभाल
अभी नादां ये नौनिहाल
रखना इसे संभाल
अय ! जिन्दगी देने वाले
की जिन्दगी ये तेरे हवाले
रखना इसे संभाल
अभी नादां ये नौनिहाल
रखना इसे संभाल
रो पड़े पलक में,
तो पलक में हॅंस पड़े
अरमाँ अभी कोई,
न हमारे बड़े-बड़े
हर वक्त, वक्त उल्टे ही,
पांसे रहा उछाल
रखना इसे संभाल
अभी नादां ये नौनिहाल
रखना इसे संभाल
अय ! जिन्दगी देने वाले
की जिन्दगी ये तेरे हवाले
रखना इसे संभाल
अभी नादां ये नौनिहाल
रखना इसे संभाल
।।जयमाला पूर्णार्घं।।
हाईकू
मैं हूॅं आकुल-व्याकुल,
कीजे निज-सा निराकुल
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