loader image
Close
  • Home
  • About
  • Contact
  • Home
  • About
  • Contact
Facebook Instagram

आचार्य श्री पूजन

गुरु-पाद पूजन – 529

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 
  • परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित

पूजन क्रंमाक 529

=हाईकू=
और चेहरा भगवन्
श्री गुरु वे तिन्हें वन्दन।।स्थापना।।

यम-जन्म ‘कि हो छू-मन्तर,
लाये जल इतर ।‌।जलं।।

पाप-ताप ‘कि हो छू-मन्तर,
लाये चन्दन अर ।।चन्दनं।।

नेह-देह ‘कि हो छू-मन्तर,
लाये धाँ मनहर ।।अक्षतं।।

नाम-काम ‘कि हो छू-मन्तर,
लाये पुष्प अमर ।।पुष्पं।।

आधि-व्याधि ‘कि हो छू-मन्तर,
लाये व्यंजन सुर ।।नैवेद्यं।।

मोह-द्रोह ‘कि हो छू-मन्तर,
लाये दीप अखर ।।दीपं।।

संध-बंध ‘कि हो छू-मन्तर,
लाये अर-अगर ।।धूपं।।

राह-श्याह ‘कि हो छू-मन्तर,
लाये फल मधुर ।।फलं।।

लोभ-क्षोभ ‘कि हो छू-मन्तर,
लाये अर्घ पातर ।।अर्घ्यं।।

=हाईकू=
बोल-कड़वे जायका,
न माँओं ने ले कभी देखा

।।जयमाला।।

तेरे चरणों की धूली
है कोई चीज न मामूली
यह बेशकीमती है
हर चीज की कीमत है
यह बेशकीमती है
पा जो गया इसे
वो बड़ा खुश किस्मत है
हर चीज की कीमत है

है कोई चीज न मामूली
तेरे चरणों की धूली
आगे इसके फीका है
चन्दन, कस्तूर
जहाँ दोई नूर
कहाँ इससे नीका है

तेरे चरणों की धूली
है कोई चीज न मामूली
यह बेशकीमती है
हर चीज की कीमत है
यह बेशकीमती है
पा जो गया इसे
वो बड़ा खुश किस्मत है
हर चीज की कीमत है

है कोई चीज न मामूली
तेरे चरणों की धूली
कहाँ इस सरीखा है
परिकर हूर
हीरा कोहिनूर
कहाँ इस सा दीखा है

तेरे चरणों की धूली
है कोई चीज न मामूली
यह बेशकीमती है
हर चीज की कीमत है
यह बेशकीमती है
पा जो गया इसे
वो बड़ा खुश किस्मत है
हर चीज की कीमत है
।।जयमाला पूर्णार्घं।।

=हाईकू=
थे,
है,
तेरे ही,
रहेंगे भगवन् मेरे !
आगे भी

Sharing is caring!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Print

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

*


© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point

© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point