loader image
Close
  • Home
  • About
  • Contact
  • Home
  • About
  • Contact
Facebook Instagram

आचार्य श्री पूजन

गुरु-पाद पूजन – 376

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 
  • परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित
    पूजन क्रमांक 376

    =हाईकू=

    कभी म्हारा भी निहार, द्वार तू,
    न और आरजू ।।स्थापना।।

    दृग् जल लाये चरण,
    बरसा दो कृपा भगवन् ।।जलं।।

    चरण लाये चन्दन,
    बरसा दो कृपा भगवन् ।।चन्दनं।।

    लाये धाँ, पाने शरण,
    बरसा दो कृपा भगवन् ।।अक्षतं।।

    चढ़ाऊँ श्रद्धा सुमन,
    बरसा दो कृपा भगवन् ।।पुष्पं।।

    भेंटू षट्-रस व्यंजन,
    बरसा दो कृपा भगवन् ।।नैवेद्यं।।

    ज्योति जा लगे गगन,
    बरसा दो कृपा भगवन् ।।दीपं।।

    धूप महके भुवन,
    बरसा दो कृपा भगवन् ।।धूपं।।

    भेंटूँ भेले दृग् हरण,
    बरसा दो कृपा भगवन् ।।फलं।।

    आये अरघ लाये
    दे दो शरण,
    मेरे भगवन् ।।अर्घ्यं।।

    =हाईकू=

    गुल करती सी, गुल-गुमान,
    ये तेरी मुस्कान

    जयमाला

    लेते रहिये खबरिया
    खेते रहिये यूँ ही नैय्या,
    म्हारे खिवैय्या !
    तलक आने शाम
    आने तक मुकाम ।
    रक्खे रहिये नजरिया ।
    लेते रहिये खबरिया

    हूँ अकेला मैं
    हाथ रहिये थामें
    सारी उमर भर
    तलक आने निज घर ।
    लेते रहिये खबरिया

    स्याही अँधेरा,
    सहारा बस तेरा,
    हाथ रहिये थामे,
    है अनुरोध मेरा ।
    रक्खे रहिये नजरिया

    जमा…ना
    अपना, मारे ताना
    जाना आज माना
    जग छाना तुझ सा ना ।
    खेते रहिये यूँ ही नैय्या,
    म्हारे खिवैय्या !

    ।। जयमाला पूर्णार्घं।।

    =हाईकू=

    रक्खे पंख हो,
    ‘पीछे-पीछी के’
    हमें भी ले संग लो

Sharing is caring!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Print

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

*


© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point

© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point