loader image
Close
  • Home
  • About
  • Contact
  • Home
  • About
  • Contact
Facebook Instagram

आचार्य श्री पूजन

गुरु-पाद पूजन – 331

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 
  • परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित
    पूजन क्रंमाक 331

    ==हाईकू==
    थाम अंगुली,
    देते थमा गुरु जी
    ठाँव अगली ।।स्थापना।।

    कहर ढ़ाते, जन्म मरण,
    लाज राखो भगवन् ।।जलं।।

    भौ-ताप हो, न अब सहन,
    लाज राखो भगवन् ।।चन्दनं।।

    छूटे न पिण्ड आवागमन,
    लाज राखो भगवन् ।।अक्षतं।।

    तृष्णा फिर के उठाती फन,
    लाज राखो भगवन् ।।पुष्पं।।

    देखे तरेर-दृग् क्षुध्-वेदन,
    लाज राखो भगवन् ।।नैवेद्यं।।

    गणना माटी माधव-मन,
    लाज राखो भगवन् ।।दीपं।।

    छिड़ा अनादि कर्मों से रण,
    लाज राखो भगवन् ।।धूपं।।

    मोक्ष फल जा लगा गगन,
    लाज राखो भगवन् ।।फलं।।

    पद अर्घ्य टिके नयन,
    लाज राखो भगवन् ।।अर्घ्यं।।

    ==हाईकू==
    आ थोड़ा ‘घुला-मिला करो,
    ‘गुरु जी से’
    खुला करो

    ।। जयमाला।।

    लिया किसी ने चित् मेरा चुरा ।
    अभी अभी मुस्कुरा ।
    है जिसका मुखड़ा,
    चाँद का टुकड़ा ।
    पा झलक जिसकी,
    पल-पलक न ठहरे दुखड़ा ।।

    छव जिसकी बिलकुल भगवन् से मिलती ।
    हटके सुखी एक दर्शन से मिलती ।
    आओ आके देखो जरा ।
    लिया किसी ने चित् मेरा चुरा ।
    अभी अभी मुस्कुरा ।।
    अपनी इक नजर उठा ।
    लिया किसी ने चित् मेरा चुरा ।
    अभी अभी मुस्कुरा ।।

    हैं जिसके बोल, मिसरी के घोल ।
    गुजारे साथ में पल वे अनमोल ।।
    सबसे अलग है वो सबसे जुदा ।
    लिया किसी ने चित् मेरा चुरा ।
    अभी अभी मुस्कुरा ।।
    है जिसका मुखड़ा,
    चाँद का टुकड़ा ।
    पा झलक जिसकी,
    पल-पलक न ठहरे दुखड़ा ।।

    ।।जयमाला पूर्णार्घं।।

    ==हाईकू ==
    रहता जब लग रस्ता,
    श्री गुरु निभायें रिश्ता

Sharing is caring!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Print

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

*


© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point

© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point