परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित
पूजन क्रंमाक – 148
माँ पिता हमारे ।
देवता हमारे ।।
छोटे बाबा ओ !
मुस्कुरा जरा दो ।। स्थापना।।
मेरी दिल धड़कन ।
नाड़ी की फड़कन ।।
छोटे बाबा ओ !
घट जल स्वीकारो ।
उलझन सुलझा दो ।
छोटे बाबा ओ।। जलं ।।
साथी ओ हमदम ।
साँसों की सरगम |।
छोटे बाबा ओ !
चन्दन स्वीकारो ।।
कृपया अपना लो ।
छोटे बाबा ओ ।। चन्दनं ।।
ओ ! जान हमारी ।
पहचान हमारी ।।
छोटे बाबा ओ !
अक्षत स्वीकारो ।।
तिय रतन थमा दो ।
छोटे बाबा ओ ।।अक्षतम् ।।
माहन वधु दूल्हे ।
सावन ऋतु झूले ।।
छोटे बाबा ओ !
पहुपन स्वीकारो ।।
सौभाग्य जगा दो ।
छोटे बाबा ओ ।।पुष्पं ।।
कलि काल गुपाला ।
उर-भाल-विशाला ।।
छोटे बाबा ओ !
व्यंजन स्वीकारो ।।
चरनन निवसा लो ।
छोटे बाबा ओ ।।नैवेद्यं ।।
सिर्फ इक रोशनी ।
दृग दया दो सनी ।।
छोटे बाबा ओ !
दीवा स्वीकरो ।
चल तीर्थ बना लो ।
छोटे बाबा ओ।। दीपं ।।
नैय्या खेवैय्या ।
ग्रीषम तरु छैय्या ।।
छोटे बाबा ओ !
सुगंध स्वीकारो ।।
सु-मरण सिखला दो ।
छोटे बाबा ओ ।।धूपं ।।
सुबहो की लाली ।
शुभ अहो दिवाली ।।
छोटे बाबा ओ !
ऋतु फल स्वीकारो ।
आदर्श दिखा दो ।
छोटे बाबा ओ ।।फलं ।।
इक शरण्य शरणा ।
ओ ! तारण तरणा ।।
छोटे बाबा ओ !
वसु द्रव स्वीकारो ।।
करुणा बरसा दो ।
छोटे बाबा ओ ।।अर्घं ।।
==दोहा==
श्री गुरु के आशीष से,
लगे नाव उस पार ।
पल कीर्तन-गुरुदेव का,
आ करते गलहार ।।
॥ जयमाला ॥
कलयुग राम-राज्य आह्वान ।
गुरु विद्या सागर भगवान् ।।
पढ़ प्रतिभा थलि बेटीं आज ।
शान बनी हैं जैन-समाज ।।
प्रतिभा मण्डल तम-हर भान ।
कलयुग राम-राज्य आह्वान ।।
गुरु विद्या सागर भगवान् ।
कलयुग राम-राज्य आह्वान ।।
बही दूध-घी की फिर धार ।
पशु न-भार कहा सरकार ।।
शान्ति दुग्ध धारा वरदान ।
कलयुग राम-राज्य आह्वान ।।
गुरु विद्या सागर भगवान् ।
कलयुग राम-राज्य आह्वान ।।
मिला सभी लोगों को काम ।
हुआ गरीबी काम-तमाम ।।
करघा धर्म अहिंसा शान ।
कलयुग राम-राज्य आह्वान ।।
गुरु विद्या सागर भगवान् ।
कलयुग राम-राज्य आह्वान ।।
रहा न दुखी कोई लाचार ।
रोग लग रहे एक किनार ।।
भाग्योदय दुखियन इक त्राण ।
कलयुग राम-राज्य आह्वान ।।
गुरु विद्या सागर भगवान् ।
कलयुग राम-राज्य आह्वान ।।
मन्दिर शिखर चले आकाश ।
आश चैन की लेती श्वास ।।
हुये निभाने व्रत आसान ।
कलयुग राम-राज्य आह्वान ।।
गुरु विद्यासागर भगवान ।
कलयुग राम-राज्य आह्वान ।।
।।जयमाला पूर्णार्घं।।
दोहा
यही विनय अनुनय यही,
करुण हृदय तस्वीर ।
यूँ ही दो मेरी बना,
हृदय सदय तकदीर ।।
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