चौबीस तीर्थंकर आरती
आद-आद प्रभु मूरतिया, निहारो ‘रे ।
आद आद प्रभु आरतिया, उतारो ‘रे
ले दीपों की थरिया
आद आद प्रभु आरतिया, उतारो ‘रे
वृषभ अजित संभव अभिनन्दन
शिव हित ले जल अश्रु प्रभु चरण
पखारो ‘रे
उतारो ‘रे
आद आद प्रभु आरतिया, उतारो ‘रे
सुमत, पद्म सुपार्श्व, सुत-लक्षण
शिव हित ले जल अश्रु प्रभु चरण
पखारो ‘रे
उतारो ‘रे
आद आद प्रभु आरतिया, उतारो ‘रे
सुविधिन्, शीतल, श्रेय, पूज्य गण
शिव हित ले जल अश्रु प्रभु चरण
पखारो ‘रे
उतारो ‘रे
आद आद प्रभु आरतिया, उतारो ‘रे
विमल, नन्त, वृष, ऐरा-नन्दन
शिव हित ले जल अश्रु प्रभु चरण
पखारो ‘रे
उतारो ‘रे
आद आद प्रभु आरतिया, उतारो ‘रे
कुन्थ, अरह, जिन मल्ल, सुव्रत धन
शिव हित ले जल अश्रु प्रभु चरण
पखारो ‘रे
उतारो ‘रे
आद आद प्रभु आरतिया, उतारो ‘रे
नम, जिन नेम, पार्श्व, सन्मत जन
शिव हित ले जल अश्रु प्रभु चरण
पखारो ‘रे
उतारो ‘रे
आद आद प्रभु आरतिया, उतारो ‘रे
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