loader image
Close
  • Home
  • About
  • Contact
  • Home
  • About
  • Contact
Facebook Instagram

आरती

आरती-शांति नाथ

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 

*शांति नाथ आरती*

विश्व शान्ति करतारी की, उतारो आरती ।
शिव सुख कारी की,
भव दुख हारी की,
अहिंसा के पुजारी की, उतारो आरती ।

बरसा रतनन की ।
सोलह सुपनन की ।
पुण्य सातिशय धारी की, उतारो आरती ।
विश्व शान्ति करतारी की, उतारो आरती ।

ऐरा-नन्दन की ।
मेर गिर न्हवन की ।
हस्तिनापुर अवतारी की, उतारो आरती ।
विश्व शान्ति करतारी की, उतारो आरती ।

चक्र विमुञ्चन की ।
वन कच लुञ्चन की ।।
‘जित-चितवन’ अविकारी की, उतारो आरती ।
विश्व शान्ति करतारी की, उतारो आरती ।

सार्थक ‘सु-मरण’ की ।
सार्थ सम शरण की ।
गुण अनन्त भंडारी की, उतारो आरती ।
विश्व शान्ति करतारी की, उतारो आरती ।

समय-इक गमन की ।
निरा-कुल सदन की ।
आवागमन विड़ारी की, उतारो आरती ।
विश्व शान्ति करतारी की, उतारो आरती ।
शिव सुख कारी की,
भव दुख हारी की,
अहिंसा के पुजारी की, उतारो आरती ।

Sharing is caring!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Print

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

*


© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point

© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point