==आरती==
दोहा=आओ करते आरती,ले दीपों की थाल ।स्वर्ग मोक्ष रथ सारथी,गुरुवर दीन दयाल ।।१।।
तरुतल ठाड़े आन के,बादल बिजुरी देख ।सन्त दिवाकर ज्ञान के,जिन शासन अभिलेख ।।२।।
शिशिर तुसारी रातरीगुजर चली चौराह ।पाणि-पातरी यातरी,मुनिवर शाहन शाह ।।३।।
चढ़ पर्वत ग्रीषम समै,खड़े सामने सूर ।चरण शरण तिनके हमें,कलि जग मंशा पूर ।।४।।
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