==आरती==
।। आरती उतारो आओ ।
भोग नाग काले ।
वन जोवन चाले ।
घन गर्जन सुन के, आ तरु-तल ठाड़े ।।
ज्योति घृत दीप जगाओ ।
आरती उतारो आओ ।।१।।
त्याग राग द्वेषा ।
कर लुंचन केशा ।
चतुपथ गुजर चली, शीत निश अशेषा ।।
मोति दृग् सीप झिराओ ।
ज्योति घृत दीप जगाओ ।
आरती उतारो आओ ।।२।।
जागृत निश-दीसा ।
गुण धन अठ-बीसा ।
सम्मुख सूर खड़े, चढ़ पर्वत शीषा ।।
लौं अविनश्वर लगाओ ।
मोति दृग् सीप झिराओ ।
ज्योति घृत दीप जगाओ ।
आरती उतारो आओ ।।३।।
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