पाक्षिक प्रतिक्रमण श्रमण =हाईकू= अथ, पाक्षिक प्रतिक्रमण दोष विशुद्धि हेत । कर्म क्षयार्थ, पूर्वा-चार्या-नुसार, स्तव समेत । भक्ति श्री सिद्ध प्रतिष्ठापनाचार्य का कायोत्सर्ग । सम्यक्त्व, ज्ञान, वीरज, दृक्, सूक्ष्मत्व, अवगाहना । अगुरु-लघु, अव्याबाध, गुणाष्ट सिद्ध पावना ।। तप-संयम, ज्ञान दर्शन […]