परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक – 27 चप्पे-चप्पे गूँजे ।विद्या-सागर दूजे ।।सन्त हैं,निर्ग्रन्थ हैं,भावी भगवन्त हैं,तभी जा रहे पूजे ।। स्थापना।। करतल-पगतल अहा गुलाबी,शत-दल कमल प्रसून से ।जनमे ही दिन शरद पूर्णिमा,बेशक चन्दा पून से ।।बिन […]