परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 89 आओ आओ आओ । आओ दरश दिखाओ ।। आश और विश्वास तुम । आती जाती श्वास तुम ।। और न मुझे रुलाओ । विद्या गुरुवर आओ मुझे बना […]
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 89 आओ आओ आओ । आओ दरश दिखाओ ।। आश और विश्वास तुम । आती जाती श्वास तुम ।। और न मुझे रुलाओ । विद्या गुरुवर आओ मुझे बना […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रमांक 88 धरती के देवता प्रणाम । अवतार सदलगा ग्राम ।। पूर्णिमा शरद अभिराम । धरती के देवता प्रणाम ।।स्थापना।। सोने की गागर । नीर क्षीर सागर । सादर चढ़ाऊँ, ले […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रमांक 87 =हाईकू= दे दो ‘ना’, कुछ रोज लगातार ही पड़गाहन ।।१।। दे सकते हैं सुना, सात बार भी पड़गाहन ।।२।। और फिर, हो जायेगी आदत जो तेरे पैरों को ।।३।। […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रमांक 86 अगर जिद करता हूँ । तो क्या गलत करता हूँ ।। मैं तुम्हारा बच्चा ही तो हूँ । और माँग भी रहा हूँ क्या ।। बड़ी नहीं, एक छोटी […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रमांक 85 वन्दना वन्दना वन्दना । सुलोचन दृढ़ मना । शिरोमण मुन गणा ।। श्री-मन्त नन्दना । वन्दना वन्दना वन्दना ।।स्थापना।। नीर पातर बड़े । क्षीर सागर भरे ।। भेंट सानन्दना […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रमांक 84 =हाईकू= हो तुम्हीं मेरे, न घर आओगे, तो कौन आयेगा ।।१।। जिया बगिया है मुरझाई, कौन महकायेगा ।।२।। देखो ‘ना’ चाँद आ जाये, कुमुद के लिये रोजाना ।।३।। […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रमांक 83 किया वादा देने का साथ तुमने, जबसे । है फेरा मेरे सिर पे हाथ तुमने, तबसे ।। गुम कहीं थकान हुई । मेरी जिन्दगी आसान हुई । मैं जुड़ने […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रमांक 82 दूज शरद पूनम चंदा ! माई श्री मन्ती नंदा ।। तुम्हें मना पायें, आये । श्रद्धा सुमन सँजो लाये ।। तारण तरण, दरद-मन्दा । माई श्री मन्ती नन्दा ।।स्थापना।। […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रमांक-81 आँगन आँगन उत्सव छाया । ग्राम सदलगा चाँद दिखाया ।। ऐसा चाँद न पूनम वाला । ऐसा चाँद न दूज निराला ।। आँगन आँगन उत्सव छाया । भागा तम समेट […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रमांक 80 तेरी याद बनी रहे । मैं कभी कहीं भी रहूँ । मेरे साथ तेरी रोशनी रहे ।। तेरी याद बनी रहे ।।स्थापना।। मैं तेरी शरण में आया हूँ । […]
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