परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक – 139 माँ श्रीमति नयन सितारे ।मल्लप्पा कुल उजियारे ।।गुरु-कुल गुरु ज्ञान दिवाकर ।जय जय गुरु विद्या सागर ।। स्थापना ।। आये गुरु द्वार तुम्हारे ।लाये घट जल के न्यारे ।।मन […]
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक – 139 माँ श्रीमति नयन सितारे ।मल्लप्पा कुल उजियारे ।।गुरु-कुल गुरु ज्ञान दिवाकर ।जय जय गुरु विद्या सागर ।। स्थापना ।। आये गुरु द्वार तुम्हारे ।लाये घट जल के न्यारे ।।मन […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक – 138 माँ श्री मन्ति ललना ।गुल मल्लप्पा अँगना ।गुरु विद्या कर करुणा ।फिर-फिर न हो फिरना ।। स्थापना ।। लाये जल-घट चरणा ।लो भव हर, भव-हरणा ।।गुरु विद्या कर करुणा […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक – 137 जिन्हें निराकुलता प्यारी ।जिनसे आकुलता हारी ।।गुरु विद्या वे अविकारी ।कर ले विरति निरतिचारी ।।स्थापना।। लिये उदक प्रासुक आया ।पाने तव छत्रच्छाया ।।कर दो कुछ यूँ मुनिराया ।दिखा पीठ […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 136 भावी मुक्ति वधु साथिया ।सौंप तुम्हें जीवन दिया ।। है और नहीं कुछ चाहिये ।कर लो खुद सा मेरा जिया ।। स्थापना ।। भावी मुक्ति वधु साथिया ।सौंपूँ […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 135 श्रीमति माँ मल्लप्पा घर । थे आये बन विद्याधर ।। चरणों की धूल बनाकर । रख लो गुरु विद्या सागर ।। स्थापना।। प्रासुक जल से भर गागर । आये […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 134 शरण आया ।यजन भाया ।। सिन्धु विद्या ।श्रमण राया ।। स्थापना ।। शरण आया ।उदक लाया ।। सिन्धु विद्या ।श्रमण राया ।।जलं ।। शरण आया ।गन्ध लाया ।। […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रमांक – 133 नाम लिया स्वयमेव ही,सुलझा उलझा काम ।बाद काम शुरु जे करें,पहले लें गुरु नाम ॥मुझ शबरी श्री राम जो,तुझ मीरा घनश्याम ।श्री गुरु विद्या वे तिन्हें,बारम्बार प्रणाम ।। स्थापना […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 132 श्रमण संघ नायक, उन्नायक-श्रमण संस्कृति के । तोता क्यों रोता प्रस्तोता,मूक माटि कृति के ॥ श्री गुरु वे विद्या सागर जी,शिव-सारथि होवें । रोये पल आगमन, गमन पल,पा […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक – 131 साहस से भरी हैं बातें तुम्हारी ।माँ दही मिश्री हैं बातें तुम्हारी ।।श्री गुरु विद्या सिन्धु जी,कलि भो जलधि तरी हैं बातें तुम्हारी ।।।। स्थापना ।। सम्यक्त्व सीढ़ियाँ बातें […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 130 चरणन आया । यजन सुहाया ।। छत्रच्छाया । दो ऋषि राया ।। स्थापना ।। चरणन आया । जल-कण लाया ।। छत्रच्छाया । दो मुनि राया।। जलं ।। चरणन आया […]
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