परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 569 =हाईकू=गुरु-आशीष त्यों,जरूरी ‘जीवन-गाड़ी’ ग्रीस ज्यों ।।स्थापना।। आश ले ध्यान निश्चल,चरणन रखूँ दृग् जल ।।जलं।। आश ले सम्यक् दर्शन,चरणन रखूँ चन्दन ।। चन्दनं।। भेंटूँ धाँ-शाली अखण्डित, आश ले सम्यक् चरित […]