परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 980 पराये नहीं, है तेरे अपने ही हम यूँ ही रखना बनाये, अपना रहमो-करम हर किसी के लिये, होती है कहाँ, ये आँखें नम ।।स्थापना।। चला आता हूँ मैं, तेरे […]
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 980 पराये नहीं, है तेरे अपने ही हम यूँ ही रखना बनाये, अपना रहमो-करम हर किसी के लिये, होती है कहाँ, ये आँखें नम ।।स्थापना।। चला आता हूँ मैं, तेरे […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 979 सबसे बड़े, गुरु जी मेरे गुरु जी के पैर पड़े ‘के बन चले, मेरे काम बिगड़े शुभ शगुन विरले, गुरु जी मेरे ‘रे सबसे बड़े, गुरु जी मेरे ।।स्थापना।। […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 978 मेरे सर पर, मेरे गुरु का हाथ है मेरा माथा करे गगन से बात है अब क्या ? अब तो, सुख-साता दिन रात है मेरे सर पर, मेरे गुरु […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 977 लो भक्तों की पुकार सुन जोड़ भव-भव सातिशय पुन अय ! सदन सद्-गुण लो भक्तों की पुकार सुन ।।स्थापना।। मैं लाया जल गागर बनने गुण रत्नाकर अय ! सदन […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 976 तुम भक्तों की सुनते हो अपना भक्तों को चुनते हो मैंने भी तुम्हें चुना जब से, ‘कि ऐसा सुना तुम भक्तों की सुनते हो अपना भक्तों को चुनते हो […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 975 मंगलम्, मंगलम् गुरुवरम्, मंगलम् वन्दनम्, वन्दनम् गुरुवरम्, वन्दनम् गुरु विद्या सागरम् वन्दनम्, वन्दनम् मंगलम्, मंगलम् गुरुवरम्, मंगलम् वन्दनम्, वन्दनम् गुरुवरम्, वन्दनम् ।।स्थापना।। भेंट जल गंग घट हेत जल जन्म […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 974 “मत डर ये डर तुझे पायेगा छू ना मैं हूँ ना” ऐसा गुरु जी ने जबसे कहा है मुझे सब कुछ मिल गया है ।।स्थापना।। अब तक चढ़ाया चढ़ाऊँगा […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 973 गुरु पूजन करने से इक खुशी अलग ही मिलती है मुरझाई मन कली खिलती है आ मनुआ ‘रे आ मनुआ गुरु जी की, हम मिलके, करते हैं पूजन सुनते […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 972 बरसती ही रहती है मुझ पर तेरी किरपा यूँ ही बरसती रहे उम्र भर जन्म हर तेरी किरपा अय ! मेरे गुरु सा ।।स्थापना।। मैं लाया हूँ जल गंगा […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 971 रंग केशरिया लगा दो अपने रँग में रँगा लो गौरवम् सदलगा ओ ! अपने रँग में रँगा लो रंग केशरिया लगा दो अपने रँग में रँगा लो गौरवम् सदलगा ओ […]
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