परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 649 =हाईकू= सुनते… करें मदद, सुनते ही आप दरद ।।स्थापना।। द्यु-गलियों से रिश्ता जुड़ाने आये, दृग्-जल लाये ।।जलं।। की गल्तियों से पीछा छुड़ाने आये, चन्दन लाये ।।चन्दनं।। अच्छाईयों से रिश्ता […]