परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 699 “हाईक” जग वाले तो समझे, समझूँ मैं, ‘जि आ जाओ ना ।।स्थापना।। आये कलश लिये जल, सुलझे ‘कि अटकल ।।जलं।। आये कलश ले चन्दन, सुलझे ‘कि उलझन ।।चन्दनं।। आये […]
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 699 “हाईक” जग वाले तो समझे, समझूँ मैं, ‘जि आ जाओ ना ।।स्थापना।। आये कलश लिये जल, सुलझे ‘कि अटकल ।।जलं।। आये कलश ले चन्दन, सुलझे ‘कि उलझन ।।चन्दनं।। आये […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 698 =हाईकू=समाँ सावन, क्षमा-वाँ गुरु जी का आना आँगन ।।स्थापना।। ले गंग-नीर करूँ वन्दना, पाये ‘कि छू बन्ध ना ।।जलं।। ले दिव्य गन्ध करूँ वन्दना, पाये ‘कि छू द्वन्द ना […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 697 =हाईकू=जाने ये कैसे जुड़ गया तुझसे, गहरा रिश्ता ।था बिलकुल ही अलग, तुम्हारा…हमारा रस्ता ।। एक दफा, थी बस टिकी नजर, जा तुझ-पर । हैं तब से ही फिदा, […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 696 “हाईकू”रात था देखा सपने में, पड़गा रहा मैं तुम्हें । और तुमने, जो ये पड़गाहन दे दिया हमें ।थमी सी रह गई है, धड़कन मेरे दिल की ।पल न थम […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 695 =हाईकू= पधारो म्हारे आँगना, गुरु जी है और माँग-ना ।।स्थापना।। महावीर ! मैं चढ़ाऊँ चरणन तेरे, दृग्-नीर ।।जलं।। निरंजन ! मैं चढ़ाऊँ चरणन तेरे, चन्दन ।।चन्दनं।। अविकारी ! मैं […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 694 =हाईकू=कुछ भी नहीं मैं तेरा, सब कुछ तुहीं पै मेरा ।।स्थापना।। भेंटूँ दृग् जल, न उठाऊँ कॉलर, पानी पे लिख ।।जलं।। भेंटूँ चन्दन, न मचाऊँ पुन: ‘ कि रुदन-वन […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 693 -हाईकू-आ बचें जाने से नीचे, ‘लग पीछी वालों के पीछे ।।स्थापना।। आये रँगने भक्ति रंग में, लाये जल संग में ।।जलं।। गंध चढ़ाऊँ, रंग भक्त तुम्हारे ‘कि रॅंग पाऊँ […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 692 =हाईकू= जुबाँ कहते ही ‘गुरु जी’ हो जाती मीठी-गुड़-सी ।।स्थापना।। रक्खूँ पाँवन उदक, पाने आपकी एक झलक ।।जलं।। छुऊँ देहरी लिये चन्दन, पाने आप शरण ।।चन्दनं।। आया, करीब ले […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 691 *हाईकू*कभी ऐसा हो, हुआ, आप-आहार कहाँ, पता हो ।।स्थापना।। लिये सजल आँख मैं, स्वीकारिये, तारिये हमें ।।जलं।। लिये चन्दन पात्र में, स्वीकारिये,तारिये हमें ।।चन्दनं।। लिये अक्षत साथ में, स्वीकारिये,तारिये […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 690 =हाईकू=गुरुदेवा !है न मेरा, और कोई भी तेरे सिवा ।।स्थापना।। सप्रेम भेंट, भरे जल से चारु-चारु कलशे ।।जलं।। सप्रेम भेंट, गिरि मलय-सार, खुशबू दार ।।चन्दनं।। सप्रेम भेंट,शाली-धाँ वाली, अति […]
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