परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 709 =हाईकू= दुविधा मन, छूमंतर, छू पूजा गुरु-भगवन् ।।स्थापना।। तीजे दृग् भींजे पाने, हम लाये दृग्-जल चढ़ाने ।।जलं।। गति-गति का बंध मिटाने, लाये गंध चढ़ाने ।।चन्दनं।। दीवाली अब ‘कि मनाने, […]
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 709 =हाईकू= दुविधा मन, छूमंतर, छू पूजा गुरु-भगवन् ।।स्थापना।। तीजे दृग् भींजे पाने, हम लाये दृग्-जल चढ़ाने ।।जलं।। गति-गति का बंध मिटाने, लाये गंध चढ़ाने ।।चन्दनं।। दीवाली अब ‘कि मनाने, […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 708 =हाईकू= पाये मेरा भी आँगन, कभी तेरा पड़गाहन ।।स्थापना।। दृग्-जल भेंटूँ, ‘कि भ्रमण जामन-मरण मेंटूँ ।।जलं।। चन्दन भेंटूँ, ‘कि जन्म जन्मातर आतप मेंटूँ ।।चन्दनं।। अक्षत भेंटूँ, ‘कि पद जेते […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 707 =हाईकू= दीपावली सा पावन, गुरु जी का आना आँगन ।।स्थापना।। बदली नव-जबां तकदीर, मैं भी लाया नीर ।।जलं।। सर्वोदय ने क्या न पाया, चन्दन ले मैं भी आया ।।चन्दनं।। […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 706 =हाईकू=गुरु जी ‘जहाँ’ रक्खें पग, भूमि वो बने सुरग ।।स्थापना।। सादर,तेरे चरणों में चढ़ाऊँ, जल गागर ।।जलं।। सानंद,तेरे चरणों में चढ़ाऊँ, गागर गंध ।।चन्दनं।। अतुल,तेरे चरणों में चढ़ाऊँ, शालि […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 705 =हाईकू=करें गुरु जी जिसकी रक्षा, उसे डर किसका ।।स्थापना।। निर्मल, तेरे चरणों में भगवन्, भेंटूँ दृग्-जल ।।जलं।। सानन्द,तेरे चरणों में भगवन्,चढ़ाऊँ गंध ।।चन्दनं।। ले श्रद्धा,तेरे चरणों में भगवन्,भेंटूँ शालि-धाँ […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 704 =हाईकू=राहों पे टिकी नजर,आ जाईये लेने खबर ।।स्थापना।। नैन सजल, चरणों में आपके, चढ़ाऊँ जल ।।जलं।। कर वन्दन, चरणों में आपके चर्चूं चन्दन ।।चन्दनं।। झुका मस्तक,चरणों में आपके, भेंटूँ […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 703 =हाईकू = मेरी कुटिया पर कीजिये कृपा, अबकी दफा ।।स्थापना।। आ दिखायेगा तू कभी तो झलक, भेंटूँ उदक ।।जलं।। आ छुडायेगा तू कभी तो बन्धन, भेंटूँ चन्दन ।।चन्दनं।। आयेगा […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 702 =हाईकू=कृपया गुरु जी लीजिये निहार, मेरा भी द्वार ।।स्थापना।। पा तुम्हें मेरी कुटिया तरी, भेंटूँ जल गगरी ।।जलं।। भेंटूँ चन्दन, आ आपने की मेरी कुटिया धन ।।चन्दनं।। भेंटूँ धाँ […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 701 =हाईकू= हैं पाते नही चैन, तब तलक, ये मेरे नैन । झपाये बिन पलक पा लेते न तेरी झलक ।।स्थापना।। भेंटूँ उदक, पाऊँ घने-घने यूँ ही गन्धोदक ।।जलं।। घने-घने […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 700 ==हाईकू==दिन बहुत हुये, था मिला जब, पड़गाहन ।आज, कल में, दे फिर से दो अब, पड़गाहन ।। एकाध बार से, है मुश्किल बड़ा, मन भरना ।क्यों…क्योंकि ‘मन’ है मन-भर-ना, […]
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