परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 730 ==हाईकू==तर सबके घर, घन सजल, श्री गुरुवर ।।स्थापना।। जजूँ ले जल-हाथ, मन ‘कि लगे मानने बात ।।जलं।। जजूँ चन्दन ले हाथ,पा ‘कि सकूँ आपका साथ ।।चन्दनं।। जजूँ अक्षत साथ, […]
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 730 ==हाईकू==तर सबके घर, घन सजल, श्री गुरुवर ।।स्थापना।। जजूँ ले जल-हाथ, मन ‘कि लगे मानने बात ।।जलं।। जजूँ चन्दन ले हाथ,पा ‘कि सकूँ आपका साथ ।।चन्दनं।। जजूँ अक्षत साथ, […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 729 =हाईकू= कृपा हो जाये गुरुवर, पलकें बिछाये घर ।।स्थापना।। नाता तुमसे जोड़ने चले आये, दृग्-जल लाये ।।जलं।। तेरा मेरा ‘कि जुड़ बन्धन जाये, चन्दन लाये ।।चन्दनं।। दृग्-सीले लाये, तुम्हें […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 728 =हाईकू= आप आयेंगे, न थी सिर्फ आश, था पूरा विश्वास, भक्ति शबरी की, ‘जी’ खींच लाई थी, राम को पास, वीर को पास, भक्ति चन्दना की, थी खींच लाई […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 727 *हाईकू*अजि न रूठें, कटी पतंग लोग जम के लूटें ।।स्थापना।। स्वीकारो नीर लाये, ‘के साँचे क्षीर, ढ़लने आये ।।जलं।। स्वीकारो गंध लाये,‘के साँचे हंस, ढ़लने आये ।।चन्दनं।। स्वीकारो सुधाँ लाये, […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 726 =हाईकू=हैं बिलकुल माफिक माँ, गुरु दें न बददुआ ।।स्थापना।। आ जिया वसो, लाये जल चरणों में निवसा लो ।।जलं।। गंध भिटाऊँ, तेरे चरणों में यूँ ही रहा आऊँ ।।चन्दनं।। […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 725 “हाईकू”गुरु,समान महावीर, मिटाने में लगे पीर ।।स्थापना।। आप ‘सिवा’ न, पाप विनाशक, सो भेंटूँ उदक ।।जलं।। आप ‘सिवा’ न पाप निकन्दन, सो भेंटूँ चन्दन ।।चन्दनं।। आप ‘सिवा’ न पाप […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 724 =हाईकू=चूके कहने से दुनिया कब, आ भी जाओ अब ।।स्थापना।। सपने सँजों मुक्ति के, घट जल लाया मुक्ति के ।।जलं।। सपने सँजों क्षेम केघड़े गंध लाया प्रेम के ।।चन्दनं।। […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 722 =हाईकू=सभी के दिल में गुरु महाराज, करते राज ।।स्थापना।। चलते तुम ‘नौ-वधु’ से संभल, सो भेंटूँ जल ।।जलं।। भुलाया तुम ने वन-क्रन्दन,सो भेंटूँ चन्दन ।।चन्दनं।। चलातेतुम चालते सत्पथ,सो भेंटूँ अक्षत […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 721 =हाईकू=जहाँ सभी की हो सुनवाई,‘द्वार’ वो गुरुराई ।।स्थापना।। श्री गुरु ज्ञान कृति-चेतन, भेंटूँ नीर-नयन ।।जलं।। श्री गुरु ‘ज्ञान’ पुत्र औरस, भेंटूँ चन्दन रस ।।चन्दनं।। प्राणों से प्यारे श्री गुरु […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 720 =हाईकू=मेरे भगवन् ! थोड़े और पास से, दे दो दर्शन ।।स्थापना।। न ठुकराना, ले जल आये गंगा का जाना माना ।।जलं।। ठग जमाना,आये, चन्दन लायेन ठुकराना ।।चन्दनं।। धाँ लाये, […]
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