परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 820 वैतरण तरण कल-काल शरण तम, आश किरण गुरुदेव चरण जयकारा गुरुदेव का… जय जय गुरुदेव बरसाये रखना कृपा सदैव जयतु जय, जय जय गुरुदेव ।।स्थापना।। होने हल्का कलशा जल […]
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 820 वैतरण तरण कल-काल शरण तम, आश किरण गुरुदेव चरण जयकारा गुरुदेव का… जय जय गुरुदेव बरसाये रखना कृपा सदैव जयतु जय, जय जय गुरुदेव ।।स्थापना।। होने हल्का कलशा जल […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 819 दिव गठबंधन कल शिव स्यन्दन पुरु लघु नन्दन सद्-गुरु वन्दन शत-शत वारा जय जय कारा, जय जय कारा ।।स्थापना।। क्षीरी सागर पीरी गागर छोडूँ धारा सद्-गुरु चरणन सद्-गुरु वन्दन […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 818 सत् शिव सुन्दर ज्ञान-समुन्दर जय गुरुवर, जय विद्या सागर ज्ञान दिवाकर ! जिन गुण आगर ! जय गुरुवर, जय विद्या सागर सत् शिव सुन्दर ज्ञान-समुन्दर जय गुरुवर, जय विद्या […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 817 धर्म अहिंसा नूरमन्शा सहज प्रपूरजयतु जयतु जय जयविद्या सागर सूर ।।स्थापना।। बनने धीर-गंभीरप्रासुक गंगा नीरभेंटूँ साथ विनयजयतु जयतु जय जयधर्म अहिंसा नूरमन्शा सहज प्रपूरजयतु जयतु जय जयविद्या सागर सूर ।।जलं।। […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 816 जप मन सुबहो शाम विद्या सागर नाम सबसे प्यारा है जब से न्यारा है शरण सहारा है विद्या सागर नाम तारण हारा है जप मन सुबहो शाम विद्या सागर […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 815 खींचे अपनी ओर रखनायूँ ही थामे डोर रखना है न कुछ और कहना सुनो ना, गुरु जी सुनो नाहै न कुछ और कहनायूँ ही थामे डोर रखना खींचे अपनी […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 814 तुम्हारे सिवा मेरे दिल में,कोई और रहता नहींकहता यही रोंआ-रोंआ,सिर्फ मैं ही कहता नहींतेरे ख्यालों में खोये रहते है हमअपनी आँखें भिंजोये रहते है हमहरदम,दर कदम,जब देखो तभी,‘जि गुरु […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 813 न चाहता मैं, करना तुम्हें, परेशान जरा भी, बस दे दीजिये एक मुस्कान जरा सी, ‘जि गुरु जीकरना तुम्हें, न चाहता मैं, परेशान जरा भी, ‘जि गुरु जी ।।स्थापना।। […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 812 धूल चरणन तेरी चन्दन मुझे । तेरा गुरुकुल, वन-नन्दन मुझे । तेरी इक नजर, मेरी हमसफर । जीने के लिये, अब न चाहिये धडकन मुझे । धूल चरणन तेरी […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 811 उनकी बदल तकदीर गई, नैय्या उपल लग तीर गई, लग हाथों में, टिक आँखों में, जिनके श्री गुरु तस्वीर गई, उनकी बदल तकदीर गई ।।स्थापना।। धार छोड़ी जिनने, गुरुदेव […]
© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point
© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point