परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 1000 भक्तों के ऊपर गुरु कृपा बरसती है, छप्पर फाड़-कर दिन-दिन, रात-रात भर भक्तों के ऊपर गुरु कृपा बरसती है, छप्पर फाड़-कर ।।स्थापना।। जो भक्त होगा वो क्यूँ न चढ़ायेगा […]

आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 1000 भक्तों के ऊपर गुरु कृपा बरसती है, छप्पर फाड़-कर दिन-दिन, रात-रात भर भक्तों के ऊपर गुरु कृपा बरसती है, छप्पर फाड़-कर ।।स्थापना।। जो भक्त होगा वो क्यूँ न चढ़ायेगा […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 999 जीवेत शत-शरद् जीवेत शत-शरद् कह रहा कोन-कोन न कह रहा कौन-कौन साथ श्रद्धा सुमन ले हृदय गदगद कह रहा कोन-कोन न कह रहा कौन-कौन जीवेत शत-शरद् जीवेत शत-शरद् ।।स्थापना।। […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 998 सम्यक् तप त्याग हिमालय चलते-फिरते ग्रन्थालय जयतु जयतु जय जयतु जयतु जय जय जय, जयतु जयतु जय, जय जय जय विद्या जय, जय विद्या जय चलते-फिरते ग्रन्थालय सम्यक् तप […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 997 करुणा रग-रग बहती अवतार दया कहती मय्यूर पंख पीछी तुम हाथ खूब फबती अवतार दया कहती करुणा रग-रग बहती ।।स्थापना।। रतनारी छव न्यारी मैं लाया जल झारी उमड़े श्रद्धा […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 996 मेरी श्रद्धा, तुम पे गहराती है तुम्हें एक जो सोना और माटी है ‘जि गुरुजी, मेरी भक्ति मेरी श्रद्धा, तुम पे गहराती है तुम्हें एक जो सोना और माटी […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 995 गुरुवर लेते अवतार करने भक्तों को पार भटकन संसार से दुख पारावार से करने भक्तों को पार गुरुवर लेते अवतार ।।स्थापना।। गंगा नदिया का नीर लाया जल सागर क्षीर […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 994 तेरी मुस्कान पे, बारी जाऊँ मैं बारी जाऊँ मैं, बलिहारी जाऊँ मैं किये अहसान पे दिये पड़गान पे तेरी मुस्कान पे, बारी जाऊँ मैं बारी जाऊँ मैं, बलिहारी जाऊँ […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 993 कलजुग तुम एक गुपाला । मोहन है नाम तिहारा ।। मय्यूर पंख तुम रखते । गज-रेख, शंख तुम फबते ॥ तुम ही पूर्णायु प्रणेता । जित-चितवन ! ऊरध-रेता ।। […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 992 तुम पूरण मनो-काम विश्वास दूसरे नाम मां श्री मन्त नन्दनम् वन्दनम्, कोटिक प्रणाम ।।स्थापना।। लाया चरणन जल गंग लो रंग केशरिया रंग तुम पूरण मनो-काम विश्वास दूसरे नाम मां […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 991 करुणा के निधान तुम जैन धर्म की शान तुम अय ! आँख नम हम भक्तों के भगवान् तुम ।।स्थापना।। आया मैं नैन सजल लाया मैं गंगा जल करुणा के […]
© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point
© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point