परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 840 रंगों में दया दृगों में हया जय जयतु जय गुरुवर विद्या दृगों में हया रंगों में दया जय जयतु जय गुरुवर विद्या ।।स्थापना।। नीर पियाली छव सोनाली भेंट सश्रद्धा […]
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 840 रंगों में दया दृगों में हया जय जयतु जय गुरुवर विद्या दृगों में हया रंगों में दया जय जयतु जय गुरुवर विद्या ।।स्थापना।। नीर पियाली छव सोनाली भेंट सश्रद्धा […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 839 पुरु वंश मत हंस निर्ग्रन्थ शरद पून चन्द सिन्ध ज्ञान नन्द जयवन्त-जयवन्त सिन्ध ज्ञान नन्द शरद पून चन्द श्री विद्या सिन्ध जयवन्त-जयवन्त पुरु वंश मत हंस निर्ग्रन्थ जयवन्त-जयवन्त ।।स्थापना।। […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 838 इक विशाला हृदय क्षमा करुणा निलय विद्यासागर जी की जय विद्यासागर जी की जय ।।स्थापना।। क्षीर सागर कलश हेत सम्यक् दरश सहज भेंटूँ सविनय विद्यासागर जी की जय इक […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 837 हंस मत कर देते गुरुदेव मुख-तलक भरते गुण-धन जेब बनाये रखना कृपा सदैव जयकारा गुरुदेव का… जय जय गुरुदेव बनाये रखना कृपा सदैव ।।स्थापना।। क्षीर-सागर गागर-रतनार भेंट सादर आकर […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 836 गुरु सेवा जिनकी चर्चित तिहुलोक गुरु विद्या वे तिन्हें हृदय से ढ़ोक जो जितना जग इनका ही आलोक गुरु विद्या वे तिन्हें हृदय से ढ़ोक ।।स्थापना।। भर लाया कलशे […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 835 झूमूँ मैं होके मगन आया छूने में गगन पाके तुम्हारी शरण मेरे आराध्य गुरु नमन आराध्य गुरु नमन मेरे आराध्य गुरु नमन ।।स्थापना।। फूला नहीं समाऊँ मैं गागर नीर […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 834 मेरे आराध्य गुरु तुम्हीं से शुरु जीवन ये मेरा तुम्हीं पे खतम बरसाये रखना कृपा हरदम अय ! मेरे आराध्य गुरु जीवन ये मेरा तुम्हीं से शुरु, तुम्हीं पे […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 833 चहेरे से नूर टपकता है जिन्हें हर कोई पढ़ सकता है इतने मनहर, हर मन जिनको, टकटकी लगा कर तकता है जय विद्या सागर जय जिन-धर्म प्रभाकर जय सद्-गुण […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 832 शिख सिन्ध-ज्ञान सदलग गुमान जय जयतु जयतु जय मेरे भगवान् सदलग गुमान शिख सिन्ध-ज्ञान सदलग गुमान जय जयतु जयतु जय मेरे भगवान् ।।स्थापना।। लाया जल माया छ्ल कर लो […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 831 गुल मुस्कुराकर बुलबुल चहचहाकर तू शत शरद जिये और क्या यही तो कहे, कुल मिलाकर जय विद्यासागर जयतु जय विद्यासागर ।।स्थापना।। गगरिया सुनहरी क्षीर जल से भरी भेंटूँ तुम्हें […]
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