(१) दोस्त का दिल कहता है थोड़ा सा और बस रहा दूर ज़र्रा सा ही आसमान छू करके ही लौटना दुश्मन का मन कहता है ज्यादा मत उड़ो वैसे किसी ने आज तक छुआ नहीं आसमान अच्छा है कुछ नये […]
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(१) दोस्त का दिल कहता है थोड़ा सा और बस रहा दूर ज़र्रा सा ही आसमान छू करके ही लौटना दुश्मन का मन कहता है ज्यादा मत उड़ो वैसे किसी ने आज तक छुआ नहीं आसमान अच्छा है कुछ नये […]
(५१) बाहर दन्द-फन्द, द्वन्द है कोहरा है, धुन्ध है कर्मों का बन्ध है अन्दर, आनन्द ही आनन्द है सोने सुगन्ध है परिणति सन्त है भावी भगवन्त है शान्ति अनन्त है अन्दर, आनन्द ही आनन्द है सार सभी ग्रन्थ है मोक्ष […]
(४१) शुद्ध, बुद्ध, अविनाशी मैं अक्षर धाम निवासी मैं अखर अंक हूँ हेम पंक हूँ निष्कलंक हूँ साँची मैं, साथी ! मैं, कह रहा हूँ सांची मैं ऊर्ध्व रेत हूँ मैं अभेद हूँ अच्छेद्य हूँ साँची मैं, साथी ! मैं, […]
(३१) ज्ञान घन, ज्ञान घन, ज्ञान घन, ज्ञान घन हूँ मैं हाय ! अब तक रहा अंधेरे में । क्यूॅं न उतरूॅं आज गहरे में ।। ‘के बस जानूॅं और देखूॅं मैं । ज्ञान घन हूँ मैं माटी मोह की […]
(२१) अपनी आँख बन्द कर मैंने झाँका अन्दर दिखा मुझे एक शान्त समुन्दर आहा ! अहा ! मैं अन्दर ही अन्दर बड़ा खुश हुआ पर हा ! हहा ! जाने ये क्या हुआ आ विकल्प ने मुझे छुआ यानि ‘कि […]
(११) एक है, एक है, एक है । आत्मानुभूति कहो । या ज्ञानानुभूति अहो ! ।। एक है, एक है, एक है । ज्ञान-घन , ज्ञान-घन, ज्ञान-घन । देखना हमें बैठ के अपनी ही आत्मा में अपना ही आत्मा प्रत्येक […]
(१) रहे न मैली । परणति मेरी ।। और कुछ भी न चाहूँ मैं । सर समयसार अवगाहूँ मैं ।। धोकर हाथ पड़ी है पीछे । अपनी और मुझे है खींचे ।। मुँह की खाये अबकी वैरी । रहे न […]
(९१) ‘मुझसे हाई… को ?’ *सीपी ओढ़नी मेहरबानी मोति आषाढ़ी पानी* ‘मेरे साथ क…वीता’ *सारी दुनिया ही चाहती ‘के मेहरबानी हो पर मेहरबानी क्या चाहती उसका ‘शर्तनामा’ भी तो सुनो वैसे कम न इसकी कृपा प्रश्न में ही इसने रक्खा […]
(८१) ‘मुझसे हाई… को ?’ *रखना ला…ज ज…ला दें ना बहना अंगारे नैना* ‘मेरे साथ क…वीता’ *थाती कवि-कोविद् परिपाटी नैना झील-से वैसे भरे कीच से वो तो पलकें हैं जो आ जा ‘पल के लिये, नहलातीं वरना सारी पोल खुल […]
(७१) ‘मुझसे हाई… को ?’ *नम्बर ‘वन’ धन है चुन’री न ‘कि बन्धन है* ‘मेरे साथ क…वीता’ *भाई ! इतने बड़े-बड़े सूत्र रहते हैं घाट घाट से होते हुये आते हैं गाँठ तो पड़ ही चलतीं हैं तो […]
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