==आरती== छवि भगवन्त बलिहारी ।गुरु निर्ग्रन्थ अविकारी ।। आओ दीप लेके हाथ...
==आरती== आ-रती आओ उतारें ।पादुका गुरु शीष धारें ।। गुरु सुरग, गुरु चार तीरथ...
==आरती== आरती छोटे बाबा कीमिटाती पीर सुनो साथी ।भिंटाती तीर, चुनो साथी ।।छोड़...
==आरती== ।। गुरु धरती के देव कहाते ।। सांझ सांस मिल आ-रति कीजे ।सहजो पूर्ण...
श्रुत देव लघु चालीसा‘दोहा’ मेरा अपना तुम सिवा,यहाँ न कोई और Iजब-जब दूँ,...
श्री शान्ति, कुन्थ, अर लघु चालीसा ‘दोहा’ आ सत्संगत से जुड़ें,कलि इस भाँत न...
पंच बालयतिलघु चालीसा‘दोहा’ कीर्तन सिवा न दूसरा, कलि कल्याणक द्वार ।आ पल...
आचार्य श्री ‘लघु-चालीसा’‘दोहा’श्रद्धा से जिसने लिया, विद्या सागर...
सरस्वती-वन्दना प्रथमं भारती नाम ।दृग् नम निस्वार्थ प्रणाम ।।१।।द्वितीयं च...
आद भरत बाहुबल लघु चालीसा ‘दोहा’सुमरण सु-मरण सा कहा,आ लें दो पल साध ।हो...
आदिनाथ ‘लघु चालीसा’=दोहा=जा कछु…आ मन भीतरी,छोड़ी होगी छाप ।जुबां-जुबां...
अजितनाथलघु चालीसा=दोहा=आ भक्ति के रंग में,रँगते पल दो-चार ।सुनते डूबा साध...