शांति नाथ वृहद चालीसा ‘दोहा’ एक प्रदाता शान्ति के, शान्ति-नाथ भगवान् ।...
कुन्थु-नाथ वृहद-चालीसा ‘दोहा’ कुन्थ-आदि की कर रहे, निस्पृह साज सॅंभाल ।...
अरह-नाथ वृहद-चालीसा दोहा अर यानी तुम नाम है, कुछ हटके तिहु-लोक । काम बना होगा...
मल्लि-नाथ वृहद-चालीसा दोहा सुना लगाते पार हो, काँधे बैठा आप । रसिक न यूँ ही...
मुनि-सुव्रत-नाथ मुनि-सुव्रत-नाथ मुनि-सुव्रत-नाथ मुनि-सुव्रत-नाथ...
सवाल आचार्य भगवन् ! क्या सूर्य, क्या भोर, क्या विभोर क्या ब्रह्म-मुहूर्त,...
सवाल आचार्य भगवन् ! लोग-बाग आपके प्रवचन, मंत्र मुग्ध होकर सुनते रहते हैं,...
सवाल आचार्य भगवन् ! आपकी आँखों में जब-तब करुणा ही एक, स्थाई निवसी रहती है,...
सवाल आचार्य भगवन् ! मारुति जी आपके बाल सखा हैं बड़े ही सीधे-साधे, सरल हृदय...
सवाल आचार्य भगवन् ! आप दिन रात पढ़ाते हैं शिष्यों को लेकिन परीक्षा न मौखिक...
सवाल आचार्य भगवन् ! और किसी की न सही, पर श्री मद् आचार्य देेव, गुरु ज्ञान सागर...
नमि-नाथ नमि-नाथ नमि-नाथ वृहद-चालीसा दोहा भीतर बाहर रख रहे, ‘नमी’ नाम...