श्री शान्ति, कुन्थ, अर लघु चालीसा ‘दोहा’ आ सत्संगत से जुड़ें,कलि इस भाँत न और ।थकना, थमना अन्त में,तजें न...
पंच बालयतिलघु चालीसा‘दोहा’ कीर्तन सिवा न दूसरा, कलि कल्याणक द्वार ।आ पल पल सु-मरण करें, ना ‘कि तीज...
आचार्य श्री ‘लघु-चालीसा’‘दोहा’श्रद्धा से जिसने लिया, विद्या सागर नाम ।आँखों देखी कह रहा, बनता बिगड़ा...
सरस्वती-वन्दना प्रथमं भारती नाम ।दृग् नम निस्वार्थ प्रणाम ।।१।।द्वितीयं च सरस्वती ।दृग् नम शत शिरोन्नती...
आद भरत बाहुबल लघु चालीसा ‘दोहा’सुमरण सु-मरण सा कहा,आ लें दो पल साध ।हो चाले यूँ ही नहीं,मरण अखीर समाध ।।...
आदिनाथ ‘लघु चालीसा’=दोहा=जा कछु…आ मन भीतरी,छोड़ी होगी छाप ।जुबां-जुबां नर्तन करें,तभी ‘आदि-जय’ जाप...
अजितनाथलघु चालीसा=दोहा=आ भक्ति के रंग में,रँगते पल दो-चार ।सुनते डूबा साध के,शीघ्र वैतरण पार ।। गुड घी...
संभव नाथलघु चालीसा =दोहा=झिरे स्वस्ति जिन नाम से, उन्हें नमन नत भाल ।भव यानी ‘हो’...
अभिनन्दन नाथलघु चालीसा=दोहा=कही, भक्ति भगवान की, समकित सुदृढ़ निमित्त ।आ पल दो पल ही सही, करते हृदय पवित्र...
सुमतनाथ लघु चालीसा=दोहा=भक्ति नाव में बैठ के, सुनते लाखों पार ।आ प्रभु कीर्तन से जुड़ें,थोड़ा समय निकाल ।।१।।...
पद्म प्रभलघु चालीसा=दोहा=सुमरण सु’मरण मान के, आ क्षण जुड़े इकाध ।भागवान वे लोग हैं, बाबा जिनके साथ ।। आप...
सुपार्श्वनाथलघु चालीसा=दोहा=कलजुग प्रभु भक्ति सिवा, और न मुक्ति जहाज । आ भगवत रँग में रँगें, छोड़ भवद अर-काज...
