(८१) न सिर्फ इसको ही अपने साथ में ले लो उसको भी क्यूँ क्या सुनी नहीं है दूसरी शाला की दूसरी...
(६१) उसने अपने हथियार डाल दिये हैं इसने अपने हथियार डाल दिये हैं मेरे भी बाजू जवाब दे चले हैं ऐसी बुजदिली...
(४१) भैय्या ! आप किसी एक व्यापार को पकड़िये तो देखिए ना व्यापार शब्द आगे नहीं पीछे पार शब्द लगाकर के कुछ कह रहा...
(२१) ताकत तो ताँकती रहती है हमें दे करके अपना बेशकीमती समय बस उसे हम ही नहीं देख पाते और अब आप ही बतलाईये...
(१) दोस्त का दिल कहता है थोड़ा सा और बस रहा दूर ज़र्रा सा ही आसमान छू करके ही लौटना दुश्मन का मन कहता है ज्यादा...
51 (५१)बाहरदन्द-फन्द, द्वन्द है कोहरा है, धुन्ध हैकर्मों का बन्ध है अन्दर,आनन्द ही आनन्द है सोने सुगन्ध है...
41 (४१)शुद्ध, बुद्ध, अविनाशी मैंअक्षर धाम निवासी मैं अखर अंक हूँहेम पंक हूँनिष्कलंक हूँसाथी ! मैं, कह रहा हूँ...
31 (३१) माटी मोह की ।परिपाटी द्रोह की ।।क्यूॅं न उतार फेंकूॅं मैं ज्ञान घन, ज्ञान घन, ज्ञान घन, ज्ञान घन हूँ मैं...
21 (२१)अपनी आँख बन्द कर मैंने झाँका अन्दरदिखा मुझे एक शान्त समुन्दरआहा ! अहा ! मैं अन्दर ही अन्दर बड़ा खुश हुआ...
11 (११) ज्ञान-घन , ज्ञान-घन, ज्ञान-घन ।देखना हमें बैठ के अपनी ही आत्मा मेंअपना ही आत्मा प्रत्येक क्षण ।देखना...
Title (१)रहे न मैली ।परणति मेरी ।।और कुछ भी न चाहूँ मैं ।सर समयसार अवगाहूँ मैं ।। धोकर हाथ पड़ा है पीछे ।अपनी और...
(९१) ‘मुझसे हाई… को ’ सीपी ओढ़नी मेहरबानी मोति आषाढ़ी पानी ‘मेरे साथ क…वीता’ सारी दुनिया ही चाहती...
